
नई दिल्ली/पहलगाम, 30 अप्रैल: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से ठीक पहले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों और आम जनता के बीच खलबली मचा दी है। इस वीडियो में अहमदाबाद के पर्यटक ऋषि भट्ट ज़िपलाइन राइड के लिए तैयार हो रहे हैं, तभी गोली चलने की आवाज़ सुनाई देती है। इसी दौरान ज़िपलाइन ऑपरेटर द्वारा तीन बार “अल्लाह-हू-अकबर” कहे जाने का दृश्य सामने आता है।
घटना के तुरंत बाद वायरल हुए इस वीडियो ने एक नई बहस छेड़ दी है। कई लोग इसे आतंकी हमले से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह धार्मिक अभिव्यक्ति का हिस्सा हो सकता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस वीडियो में दिख रहे ऑपरेटर की पहचान कर ली है और उससे पूछताछ की जा रही है।
क्या है वीडियो में?
वीडियो में देखा जा सकता है कि अहमदाबाद निवासी ऋषि भट्ट पहलगाम में ज़िपलाइन राइड शुरू करने ही वाले होते हैं, तभी अचानक गोलियों की आवाज़ आती है। राइड शुरू करवाने वाला ऑपरेटर तीन बार “अल्लाह-हू-अकबर” बोलता है, लेकिन उसका हावभाव पूरी तरह सामान्य नजर आता है। इसके बाद वीडियो वहीं कट हो जाता है।
मुजम्मिल की पहचान और बयान
वीडियो में दिखने वाले ज़िपलाइन ऑपरेटर की पहचान मुजम्मिल के रूप में हुई है, जो स्थानीय निवासी बताया जा रहा है। पूछताछ में मुजम्मिल ने कहा कि “अल्लाह-हू-अकबर” कहना उसकी धार्मिक आदत है और उसका इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है।
मुजम्मिल ने यह भी बताया कि घटना के बाद वह घर लौटकर बहुत डरा हुआ था और रोने लगा था। उसके पिता ने भी मीडिया से कहा, “हम मुसलमान हैं, अल्लाह-हू-अकबर कहना हमारे लिए सामान्य बात है। इसमें कोई गलत बात नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका बेटा किसी आतंकी गतिविधि में शामिल नहीं है।
NIA की जांच जारी
NIA ने वीडियो के तकनीकी विश्लेषण और घटनास्थल से जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर जांच तेज कर दी है। एजेंसी इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या मुजम्मिल की गतिविधियों का किसी आतंकी साजिश से कोई संबंध है या नहीं। अब तक की जांच में किसी आतंकी लिंक का सीधा प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन एहतियातन उससे पूछताछ जारी है।
सोशल मीडिया पर बहस तेज
वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर यह मुद्दा गरमा गया। कुछ लोगों ने वीडियो को आतंकी हमले से जोड़ते हुए सांप्रदायिक टिप्पणियां कीं, वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का हिस्सा बताया और बिना पुष्टि के किसी को दोषी ठहराने के खिलाफ आवाज उठाई।
स्थानीय प्रशासन की स्थिति
स्थानीय प्रशासन और पुलिस का कहना है कि वे पूरी सतर्कता के साथ जांच एजेंसियों को सहयोग कर रहे हैं और आम जनता से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रशासन का यह भी कहना है कि घाटी में पर्यटक पूरी सुरक्षा के साथ यात्रा कर सकते हैं।
NIA की जांच जारी
NIA ने वीडियो के तकनीकी विश्लेषण और घटनास्थल से जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर जांच तेज कर दी है। एजेंसी इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या मुजम्मिल की गतिविधियों का किसी आतंकी साजिश से कोई संबंध है या नहीं। अब तक की जांच में किसी आतंकी लिंक का सीधा प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन एहतियातन उससे पूछताछ जारी है।
सोशल मीडिया पर बहस तेज
वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर यह मुद्दा गरमा गया। कुछ लोगों ने वीडियो को आतंकी हमले से जोड़ते हुए सांप्रदायिक टिप्पणियां कीं, वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का हिस्सा बताया और बिना पुष्टि के किसी को दोषी ठहराने के खिलाफ आवाज उठाई।
स्थानीय प्रशासन की स्थिति
स्थानीय प्रशासन और पुलिस का कहना है कि वे पूरी सतर्कता के साथ जांच एजेंसियों को सहयोग कर रहे हैं और आम जनता से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रशासन का यह भी कहना है कि घाटी में पर्यटक पूरी सुरक्षा के साथ यात्रा कर सकते हैं।