
नई दिल्ली (पीटीआई)। कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। आतंकियों ने इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी, जिससे पूरे देश में रोष और आक्रोश फैल गया। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है।
केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 26 अप्रैल तक भारत छोड़ना होगा। जिन लोगों के पास SAARC वीजा है, उन्हें 26 अप्रैल तक और जिनके पास मेडिकल वीजा है, उन्हें 29 अप्रैल तक देश छोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है। अन्य वीजा श्रेणियों जैसे व्यवसाय, पत्रकार, फिल्म, छात्र, तीर्थयात्री, समूह पर्यटक आदि के लिए भी यही समयसीमा तय की गई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने खुद सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन कर निर्देश दिया कि सुनिश्चित करें कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक निर्धारित तिथि के बाद भारत में न रहे। इसके बाद, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने भी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर इस आदेश के पालन पर जोर दिया।
भारत सरकार ने चेतावनी दी है कि निर्धारित समयसीमा के बाद अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक देश में पाया गया, तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा और उस पर मुकदमा चलाया जाएगा। नए लागू हुए आव्रजन और विदेशी अधिनियम 2025 के अनुसार, वीजा की शर्तों का उल्लंघन या अधिक समय तक भारत में रुकने पर दोषी व्यक्ति को तीन साल तक की सजा, तीन लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों भुगतने पड़ सकते हैं।
सरकार के इस फैसले से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द कर दिए हैं और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। हालांकि पाकिस्तान ने भी भारत को जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है, लेकिन भारत सरकार अपने फैसले पर अडिग है।
गौरतलब है कि आव्रजन और विदेशी अधिनियम 2025 के तहत, यदि कोई विदेशी बिना वैध वीजा, पासपोर्ट या वैध यात्रा दस्तावेज के भारत में प्रवेश करता है या वीजा की शर्तों का उल्लंघन करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है। इस अधिनियम की धारा 3, 17 और 19 का उल्लंघन करने पर कठोर दंड का प्रावधान है। सरकार ने राज्यों को सख्ती से निर्देशित किया है कि इस आदेश का पूर्ण पालन कराया जाए।
इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य भारत की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और आतंकी गतिविधियों पर सख्त लगाम लगाना है। सरकार का मानना है कि देश में विदेशी नागरिकों की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखना जरूरी है, विशेषकर उन देशों के नागरिकों पर जिनके साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण हैं।
देश भर में लोग सरकार के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं। कई शहरों में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं और लोग आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर अपनी आवाज उठा रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।