
आज की तेज़ रफ्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली में स्वास्थ्य को बनाए रखना एक चुनौती बन चुका है। लोग व्यस्तता के कारण अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाते, जिससे कई तरह की बीमारियां जन्म लेती हैं। ऐसे में योगासन न केवल शरीर को फिट रखने का एक सरल और प्रभावी तरीका है, बल्कि मानसिक सुकून पाने का भी माध्यम बनता है। इन्हीं योगासनों में से एक है गोमुखासन, जो शारीरिक और मानसिक रूप से संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
गोमुखासन क्या है?
गोमुखासन संस्कृत शब्द “गोमुख” से बना है, जिसका अर्थ होता है “गाय का मुख”। जब व्यक्ति इस आसन को करता है तो उसका शरीर गाय के मुख के समान प्रतीत होता है, इसलिए इसका नाम गोमुखासन पड़ा। यह योगासन सरल होते हुए भी बेहद प्रभावशाली है, जो पूरे शरीर की मांसपेशियों को सक्रिय करता है और दिमाग को शांत करता है।
गोमुखासन करने की विधि:
- सबसे पहले किसी शांत और साफ जगह पर योगा मैट बिछाएं।
- अपने दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
- अब बायां पैर मोड़कर दाईं नितंब के नीचे रखें।
- दायां पैर मोड़कर बाएं पैर के ऊपर रखें, जिससे दोनों घुटने एक-दूसरे के ऊपर आ जाएं।
- अब दायां हाथ ऊपर उठाएं और पीछे की ओर मोड़ें।
- बायां हाथ पीठ के पीछे से ऊपर लाएं और दोनों हाथों की उंगलियां आपस में पकड़ें।
- यदि हाथ न मिलें तो योगा स्ट्रैप या तौलिये की मदद लें।
- अब पीठ सीधी रखते हुए कुछ देर इस स्थिति में रहें और धीरे-धीरे सामान्य सांस लेते रहें।
- 30 सेकंड से 1 मिनट तक इसी मुद्रा में रहें, फिर आराम से स्थिति छोड़ें और पैरों की स्थिति बदलकर दोहराएं।
गोमुखासन के फायदे:

1. मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग और मजबूती:
गोमुखासन से पूरे शरीर की विशेषकर जांघ, कंधे, छाती और हाथों की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग होती है। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और जोड़ों की गतिशीलता बढ़ती है।
2. शरीर का पोस्चर सुधरता है:
लंबे समय तक गलत मुद्रा में बैठने से शरीर का पोस्चर बिगड़ जाता है, जिससे पीठ दर्द और अन्य समस्याएं होती हैं। गोमुखासन नियमित करने से शरीर की मुद्रा संतुलित होती है और रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है।
3. वजन घटाने में सहायक:
यह आसन शरीर की मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को सक्रिय करता है, जिससे कैलोरी बर्न होती है और वजन कम करने में सहायता मिलती है।
4. मानसिक शांति और तनाव मुक्ति:
गोमुखासन करते समय ध्यान सांसों पर केंद्रित रहता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है। यह योगासन मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है और मन को स्थिर करता है।
5. श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है:
इस आसन में फेफड़ों का फैलाव बेहतर होता है, जिससे श्वसन तंत्र मजबूत बनता है और शरीर में ऑक्सीजन का संचार सही ढंग से होता है।
6. डायबिटीज और ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है:
नियमित गोमुखासन करने से शरीर की नसें और ग्रंथियां सक्रिय होती हैं, जिससे रक्त संचार सुचारु रहता है। यह डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को नियंत्रण में रखने में मदद करता है।
सावधानियां:
- जिन लोगों को घुटनों में दर्द, साइटिका या रीढ़ की समस्याएं हैं, उन्हें यह आसन करने से पहले चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।
- शुरुआती लोग धीरे-धीरे अभ्यास करें और आवश्यकता हो तो योग प्रशिक्षक की सहायता लें।
- गर्भवती महिलाएं यह आसन न करें।
हर दिन केवल 10 मिनट का गोमुखासन न केवल आपके शरीर को मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक तनाव से भी राहत देता है। यह एक ऐसा योगासन है जिसे किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं, बशर्ते वे इसे सही तकनीक से करें। आज जब जीवनशैली रोग बढ़ रहे हैं, ऐसे में योग को अपनाकर हम प्राकृतिक रूप से अपने शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रख सकते हैं। गोमुखासन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और सालों-साल फिट व ऊर्जावान बने रहें।