
नई दिल्ली, 05 अप्रैल 2025
राम नवमी की पूर्व संध्या पर महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों को जीवन में अपनाने का संदेश दिया। उन्होंने अपने संदेश में श्रीराम के जीवन से जुड़ी शिक्षाओं को मानवता और समाज के कल्याण के लिए प्रासंगिक बताया।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा, “राम नवमी के शुभ अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूँ। यह पावन पर्व मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिनकी जीवन गाथा सत्य, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।”
उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन त्याग, समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा और निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक है। यह पर्व समाज को जीवन मूल्यों की महत्ता सिखाता है और वचनबद्धता, सेवा और न्यायप्रियता जैसे गुणों को अपनाने का संदेश देता है।
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में विशेष रूप से युवाओं और नागरिकों से आग्रह किया कि वे श्रीराम के आदर्शों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण और मानवता की सेवा में जुटें। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब समाज को नैतिक मूल्यों की सबसे अधिक आवश्यकता है, तब भगवान राम का जीवन एक सशक्त मार्गदर्शक बन सकता है।
उन्होंने अपील की कि इस पावन अवसर पर सभी नागरिक एकजुट होकर सद्भाव, शांति और सेवा की भावना से प्रेरित हों और समाज में समरसता की स्थापना करें।
राष्ट्रपति का यह संदेश ऐसे समय में आया है जब देशभर में राम नवमी को लेकर श्रद्धा और उल्लास का वातावरण बना हुआ है। विभिन्न राज्यों में शोभायात्राएं, राम कथा, भजन-कीर्तन और धार्मिक आयोजनों की तैयारियां जोरों पर हैं। ऐसे में महामहिम का यह संदेश लोगों को आत्मचिंतन और नैतिकता की राह पर अग्रसर होने की प्रेरणा प्रदान करता है।
राम नवमी, जो भगवान श्रीराम के जन्म का पर्व है, भारतीय संस्कृति में मर्यादा, कर्तव्य और आदर्श जीवन मूल्यों के प्रतीक के रूप में विशेष महत्व रखता है। राष्ट्रपति के संदेश ने इस पर्व की महत्ता को और भी गहराई से रेखांकित किया है।