
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सोमवार को मुंबई, नागपुर और अन्य शहरों में इस मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन हुए। खासतौर पर नागपुर में यह प्रदर्शन हिंसक रूप ले गया, जहां पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आईं। इस हिंसा में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए और कई वाहनों को नुकसान पहुंचा।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में स्थित है, जिसे ऐतिहासिक स्थल माना जाता है। हाल के दिनों में कुछ संगठनों ने मांग की है कि इस कब्र को हटा दिया जाए, क्योंकि वे औरंगजेब को एक आक्रांता मानते हैं। इस मांग के समर्थन में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए और जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपे।
महाराष्ट्र में इस मांग को लेकर दो धड़ों में विभाजन देखा जा रहा है। एक पक्ष इसे ऐतिहासिक धरोहर मानकर बनाए रखने की वकालत कर रहा है, तो दूसरा पक्ष इसे हटाने की मांग कर रहा है। इसी मुद्दे पर सोमवार को नागपुर में बड़ा विवाद खड़ा हो गया।
नागपुर में प्रदर्शन के दौरान बिगड़े हालात
नागपुर में हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली, मुस्लिम समुदाय के लोग भी इसका विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए। देखते ही देखते माहौल गरमाने लगा और दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहले यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन बाद में दोनों समुदायों के बीच झड़प हो गई। इसके बाद अचानक पथराव शुरू हो गया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। भीड़ ने कुछ वाहनों में तोड़फोड़ की और आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं।
चार पुलिसकर्मी घायल, इलाके में तनाव
नागपुर पुलिस ने हालात संभालने के लिए तत्काल अतिरिक्त बल बुलाया और लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। पुलिस के अनुसार, इस हिंसा में चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इलाके में शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
नागपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि हालात अब काबू में हैं, लेकिन कुछ संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी।
मुंबई और अन्य शहरों में भी प्रदर्शन
नागपुर के अलावा मुंबई, पुणे और औरंगाबाद जैसे शहरों में भी औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए। कई हिंदू संगठनों ने इस मांग को लेकर जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपे। मुंबई में हालांकि माहौल शांतिपूर्ण रहा, लेकिन वहां भी पुलिस सतर्क रही।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस विवाद पर महाराष्ट्र के राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग का समर्थन किया है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को गैरजरूरी बताते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को लेकर सभी पहलुओं पर विचार कर रही है और किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रशासन की अपील: अफवाहों से बचें
पुलिस और प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी प्रकार की उकसाने वाली गतिविधियों में शामिल न हों। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट शेयर करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग से उपजे इस विवाद ने महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा दिया है। नागपुर में हुई हिंसा ने हालात को और गंभीर बना दिया है। प्रशासन शांति बहाल करने में जुटा हुआ है, लेकिन यह विवाद आगे और कितना बढ़ेगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।