
रामगढ़। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को गोला प्रखंड के बरलंगा थाना क्षेत्र स्थित अपने पैतृक गांव नेमरा पहुंचे, जहां उन्होंने आदिवासी समाज के प्रमुख त्योहार बाहा पर्व को पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया। वे दोपहर करीब 2 बजे हेलीकॉप्टर से नेमरा पहुंचे, जहां रामगढ़ पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद वे सीधे अपने आवास पहुंचे और परिजनों एवं ग्रामीणों से मुलाकात की।
बाहा पर्व का पारंपरिक आयोजन
बाहा पर्व संथाल समाज का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे वसंत ऋतु में मनाया जाता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पारंपरिक अनुष्ठानों में भाग लिया और ग्राम देवता की पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि यह पर्व प्रकृति के साथ सामंजस्य और हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। बाहा पर्व के दौरान साल (शाल) वृक्ष की पूजा की जाती है और लोग आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश देते हैं।
ग्रामीणों से की बातचीत, विकास कार्यों पर जोर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ग्रामीणों के साथ बैठक की और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि हर जरूरतमंद को लाभ मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड की संस्कृति और त्योहार ही हमारी असली पहचान हैं, और बाहा पर्व आदिवासी समाज का मुख्य त्योहार है। इसे संथाल समुदाय पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाता है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याओं को जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया।
स्थानीय नेताओं और अधिकारियों की उपस्थिति
इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यक्रम में रामगढ़ उपायुक्त, एसपी, जिला परिषद अध्यक्ष सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए। ग्रामीणों ने भी मुख्यमंत्री के आगमन पर पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ उनका स्वागत किया।
मुख्यमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरे नेमरा गांव में उत्साह का माहौल था। बाहा पर्व के अवसर पर गांव के लोग पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे नजर आए और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री का संबोधन और भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “झारखंड की असली पहचान इसकी समृद्ध संस्कृति और त्योहारों में बसती है। हमारी सरकार आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रही है और आने वाले समय में इन योजनाओं को और प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। बाहा पर्व हमारी प्रकृति के साथ सामंजस्य और भाईचारे का संदेश देता है, इसे संरक्षित करना हम सबकी जिम्मेदारी है।”
कार्यक्रम का समापन और मुख्यमंत्री का प्रस्थान
बाहा पर्व के मुख्य अनुष्ठानों में भाग लेने और ग्रामीणों से मुलाकात करने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शाम को हेलीकॉप्टर से रांची लौट गए। उनके इस दौरे से नेमरा गांव के लोग काफी उत्साहित दिखे और उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया।