
लातेहार:– झारखंड शिक्षा परियोजना, लातेहार के तत्वावधान में टाउन हॉल, लातेहार में आज जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पंचायत प्रतिनिधियों को शिक्षा संबंधी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने में सहयोग प्रदान करना था, जिससे ग्राम स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके।
सम्मेलन का शुभारंभ और उद्देश्यों पर चर्चा
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता, स्कूली छात्राओं, मुखियाओं और अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुई। उपायुक्त ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा का समुचित विकास तभी संभव है जब समाज के प्रत्येक वर्ग, विशेष रूप से स्थानीय नेतृत्व, इसमें सक्रिय रूप से भाग ले। उन्होंने कहा कि मुखियाओं को शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है, ताकि स्कूलों में नामांकन बढ़े, संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो और समुदाय में शिक्षा को लेकर जागरूकता फैले।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मुखिया सिर्फ ग्रामीण विकास तक सीमित न रहें, बल्कि शिक्षा और अन्य सामाजिक विषयों पर भी ध्यान दें। पंचायत स्तर पर योग्य बच्चों का कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नामांकन सुनिश्चित करना और सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुँचाना मुखियाओं की अहम जिम्मेदारी है। उपायुक्त ने उपस्थित सभी मुखियाओं से शिक्षा को प्राथमिकता देने और अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की।

मुखियाओं की भूमिका पर अधिकारियों के विचार
सम्मेलन में विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पंचायत स्तर पर शिक्षा सुधार को लेकर अपने विचार साझा किए।
- आईटीडीए निदेशक प्रवीण कुमार गगराई ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए पंचायत स्तर पर सतत निगरानी और सामुदायिक भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया।
- डीआरडीए निदेशक प्रभात रंजन चौधरी ने स्कूलों में नामांकन बढ़ाने और ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए मुखियाओं की भागीदारी को आवश्यक बताया।
- जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्रेयांश ने पंचायत स्तर पर शिक्षा के प्रति लोगों को अधिक जागरूक करने और सरकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक बच्चों को दिलाने पर जोर दिया।
- जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेंब्रम ने बच्चों, विशेषकर बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
- जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रिंस कुमार और जिला शिक्षा अधीक्षक गौतम साहू ने शिक्षकों की उपस्थिति, विद्यालयों में आधारभूत संरचना और छात्रवृत्ति योजनाओं की सही क्रियान्वयन पर विचार साझा किए।
उत्कृष्ट मुखियाओं का सम्मान
सम्मेलन में प्रखंड विकास पदाधिकारी की अनुशंसा के आधार पर अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले 10 मुखियाओं को उपायुक्त द्वारा शॉल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन मुखियाओं को दिया गया जिन्होंने पंचायत स्तर पर स्कूलों के संचालन में सुधार, नामांकन वृद्धि और समुदाय में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए।

मुखिया सम्मेलन की महत्वपूर्ण घोषणाएँ
- पंचायत स्तर पर सरकारी स्कूलों की निगरानी के लिए मुखिया समिति का गठन किया जाएगा, जो नियमित रूप से स्कूलों की गतिविधियों पर नजर रखेगी।
- कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के लिए मुखियाओं को सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया गया।
- शिक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाने के लिए मुखिया और पंचायत समिति को जिम्मेदारी दी गई।
- स्कूलों में बुनियादी ढाँचे की समस्या के समाधान के लिए पंचायत से प्रस्ताव लेकर जिलास्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
- सरकारी योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुँचाने के लिए मुखियाओं को सक्रिय भागीदारी करने की अपील की गई।
सम्मेलन में उपस्थित गणमान्य अतिथि
कार्यक्रम में आईटीडीए निदेशक प्रवीण कुमार गगराई, डीआरडीए निदेशक प्रभात रंजन चौधरी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्रेयांश, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेंब्रम, जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रिंस कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक गौतम साहू, जिले के विभिन्न पंचायतों के मुखियागण सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।