
मुंबई के कुर्ला इलाके में रहने वाले 30 वर्षीय युवक के साथ एक चौंकाने वाली घटना घटी। युवक अपने घर पर स्वादिष्ट बिरयानी का आनंद ले रहा था, लेकिन तभी उसके गले में चिकन की नुकीली हड्डी फंस गई। शुरुआत में उसे हल्की परेशानी महसूस हुई, लेकिन कुछ ही मिनटों में दर्द तेज होने लगा और सांस लेने में भी कठिनाई होने लगी। घबराए परिवार वालों ने उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने सर्जरी कर उसकी जान बचाई।
बिरयानी खाते समय अचानक बिगड़ी हालत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह युवक आम दिनों की तरह रात के खाने में बिरयानी खा रहा था। लेकिन खाते-खाते अचानक उसे गले में अजीब सी चुभन महसूस हुई। उसने पानी पिया और निगलने की कोशिश की, लेकिन दर्द और ज्यादा बढ़ गया। कुछ ही देर में सांस लेना भी मुश्किल हो गया, जिससे परिवार के लोग घबरा गए और उसे तुरंत अस्पताल ले गए।
इमरजेंसी में पहुंचाया गया अस्पताल
जब युवक को अस्पताल लाया गया, तब तक उसकी हालत गंभीर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने तुरंत एक्स-रे और सीटी स्कैन कराया, जिससे पता चला कि चिकन की हड्डी गले के अंदर फंस गई थी और उसके श्वसन नली को बाधित कर रही थी। यदि समय रहते इलाज न किया जाता, तो स्थिति जानलेवा हो सकती थी।
डॉक्टरों की कुशलता से बची जान
डॉक्टरों की टीम ने तुरंत एंडोस्कोपिक प्रक्रिया शुरू की। यह एक गैर-सर्जिकल प्रक्रिया होती है, जिसमें एक विशेष उपकरण की मदद से गले के अंदर जाकर अटकी हुई वस्तु को निकाला जाता है। लगभग 30 मिनट की प्रक्रिया के बाद डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक चिकन की हड्डी निकाल दी। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान युवक को हल्की बेहोशी दी गई थी, ताकि वह दर्द महसूस न करे।
सही समय पर इलाज न मिलता तो हो सकता था बड़ा खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, गले में हड्डी फंसने की यह समस्या आमतौर पर गंभीर नहीं होती, लेकिन अगर हड्डी नुकीली हो और सांस नली में अटक जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकती है। इस युवक के मामले में भी समय पर अस्पताल न पहुंचने पर स्थिति बिगड़ सकती थी।
डॉक्टरों की सलाह – भोजन करते समय सावधानी जरूरी
इस घटना के बाद डॉक्टरों ने सभी को भोजन करते समय सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हड्डी वाले मांसाहारी व्यंजन, जैसे चिकन, मटन या मछली खाते समय विशेष ध्यान देना चाहिए। भोजन को ठीक से चबाकर और धीरे-धीरे खाना चाहिए, ताकि इस तरह की दुर्घटनाएं रोकी जा सकें।
युवक ने जताया आभार
सफल इलाज के बाद युवक पूरी तरह स्वस्थ हो गया है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उसने डॉक्टरों और अपने परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने सही समय पर निर्णय लेकर उसकी जान बचाई।