
पंकज कुमार यादव की रिपोर्ट,
लातेहार (गारू) – झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के गारू पश्चिमी वन प्रक्षेत्र के बीसी-10 क्षेत्र में शनिवार को एक वयस्क हाथी का शव मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मृत हाथी की उम्र करीब 45 वर्ष बताई जा रही है। इस घटना की जानकारी गश्ती दल में कार्यरत कर्मियों ने दी, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
शिकार की आशंका पर संदेह
घटनास्थल पर खून के छींटे पाए जाने के कारण शुरू में यह आशंका जताई गई कि हाथी का शिकार किया गया होगा। लेकिन जब वन विभाग ने मेटल डिटेक्टर से जांच की, तो कोई भी धातु नहीं मिली, जिससे गोली मारने की संभावना समाप्त हो गई।
पलामू टाइगर रिजर्व दक्षिणी के उपनिदेशक कुमार आशीष ने बताया कि शुरुआती जांच में यह मामला दो हाथियों के बीच आपसी संघर्ष का लग रहा है। हाथी के दोनों दांत सुरक्षित मिलने से भी यह स्पष्ट होता है कि अवैध शिकार की आशंका काफी कमजोर है। उन्होंने कहा कि वन विभाग इस घटना की गहन जांच कर रहा है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
वन विभाग की जांच जारी
वन विभाग की टीम इस घटना की विस्तृत जांच में जुटी हुई है। विशेषज्ञों की टीम ने हाथी के शव का निरीक्षण किया है और प्रारंभिक रिपोर्ट में आपसी संघर्ष के कारण मौत की संभावना जताई गई है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का खुलासा हो पाएगा।
हाथियों की गतिविधियों पर नजर
अधिकारियों का कहना है कि जंगल में हाथियों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। वन विभाग क्षेत्र में गश्त बढ़ाने और संभावित संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी प्रणाली को मजबूत करने की योजना बना रहा है।
जंगल में संघर्ष का बढ़ता खतरा
जानकारों के अनुसार, जंगल में संसाधनों की कमी के कारण हाथियों के बीच संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं। भोजन और पानी की उपलब्धता सीमित होने से हाथियों के झुंडों में आपसी टकराव की घटनाएं होती हैं। वन विभाग अब इस दिशा में भी अध्ययन कर रहा है कि हाथियों के रहवास क्षेत्र में सुधार कर संघर्ष की घटनाओं को कैसे कम किया जा सकता है।
वन्यजीव संरक्षण की चुनौतियाँ
झारखंड के जंगलों में हाथियों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय बनी हुई है। हाल के वर्षों में वन्यजीवों के अवैध शिकार और संघर्ष के कई मामले सामने आए हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि संरक्षण उपायों को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।
वन विभाग इस घटना को लेकर सतर्क है और यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों। जंगल में गश्त और निगरानी प्रणाली को और अधिक मजबूत किया जाएगा।
पालामू टाइगर रिजर्व में हाथी की मौत एक गंभीर विषय है, लेकिन प्रारंभिक जांच में अवैध शिकार की संभावना से इनकार किया गया है। वन विभाग और विशेषज्ञों की टीम मामले की गहन जांच कर रही है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी।
वन विभाग हाथियों की सुरक्षा को लेकर सतर्क है और जंगल में उनकी गतिविधियों पर करीबी नजर रखी जा रही है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि वन्यजीव संरक्षण के लिए अधिक प्रयासों की आवश्यकता है ताकि हाथियों और अन्य वन्यजीवों को सुरक्षित रखा जा सके।
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