
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं, और इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जबरदस्त बढ़त हासिल करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी शिकस्त दी है। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर 5 फरवरी को मतदान हुआ था, जिसमें कुल 60.54% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछली बार की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत में थोड़ी गिरावट देखी गई, क्योंकि 2020 में यह आंकड़ा 62.60% था।
चुनाव परिणामों के अनुसार, AAP के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत कई बड़े नाम अपनी सीटों से हार गए हैं। हालांकि, पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कालकाजी सीट से जीत दर्ज की है। वहीं, कांग्रेस इस चुनाव में बहुत ही कमजोर नजर आई और उसे कोई खास सफलता नहीं मिली।
PM मोदी ने दी प्रतिक्रिया
दिल्ली चुनाव में भाजपा की जबरदस्त जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा के पहले सत्र में कैग (CAG) की रिपोर्ट पेश की जाएगी और दिल्ली में हुए हर तरह के भ्रष्टाचार की जांच होगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जनता ने पारदर्शी और जवाबदेह सरकार के लिए वोट दिया है और भाजपा उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध है।
केजरीवाल की हार, AAP के लिए बड़ा झटका
दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल खुद अपनी सीट से चुनाव हार गए। यह आम आदमी पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका है। केजरीवाल को उनके राजनीतिक करियर में पहली बार इतनी कड़ी हार का सामना करना पड़ा है। मनीष सिसोदिया, जो पहले ही कई कानूनी मामलों का सामना कर रहे हैं, अपनी सीट नहीं बचा सके।
भाजपा का शानदार प्रदर्शन
बीजेपी ने इस बार दिल्ली में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। 2020 के चुनाव में जहां भाजपा को मात्र 8 सीटें मिली थीं, वहीं इस बार उसने 50 से ज्यादा सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है।
भाजपा की जीत के प्रमुख कारण:
- मजबूत नेतृत्व – पीएम मोदी और अमित शाह ने दिल्ली में कई रैलियां कीं और भ्रष्टाचार के मुद्दे को जमकर उठाया।
- AAP सरकार के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी – आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ कई घोटालों के आरोप लगे, जिससे जनता में असंतोष बढ़ा।
- केंद्र की योजनाओं का असर – पीएम आवास योजना, उज्ज्वला योजना, जनधन योजना जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं से लोगों को फायदा हुआ।
- कानून-व्यवस्था का मुद्दा – दिल्ली में बढ़ते अपराध और कानून-व्यवस्था की स्थिति भी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनी।
आतिशी ने कालकाजी सीट से दर्ज की जीत
जहां AAP के कई दिग्गज नेता हार गए, वहीं पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कालकाजी सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने कहा कि यह जनता का प्यार और विश्वास है जिसने उन्हें फिर से चुना। आतिशी के अलावा भी कुछ अन्य AAP उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, लेकिन पार्टी की कुल सीटें बहुत कम रह गईं।
कांग्रेस का सूपड़ा साफ
कांग्रेस इस बार भी दिल्ली में कमजोर साबित हुई। पार्टी को पिछले चुनाव की तरह इस बार भी एक भी सीट नहीं मिली। कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि कभी दिल्ली में उसकी मजबूत पकड़ हुआ करती थी।
दिल्ली चुनाव परिणाम का राज्य और राष्ट्रीय राजनीति पर असर
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे केवल राजधानी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इसका असर देश की राजनीति पर भी पड़ेगा।
- AAP का भविष्य संकट में – अरविंद केजरीवाल की हार और पार्टी के खराब प्रदर्शन से AAP के राष्ट्रीय विस्तार की योजना प्रभावित हो सकती है।
- BJP का मनोबल बढ़ेगा – दिल्ली में जीत से भाजपा को आगामी लोकसभा चुनावों में मजबूती मिलेगी।
- कांग्रेस के लिए बड़ा सबक – कांग्रेस को अब आत्ममंथन करने की जरूरत होगी कि वह दिल्ली जैसे राज्यों में क्यों लगातार हार रही है।
अगले मुख्यमंत्री कौन?
भाजपा की जीत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? पार्टी ने अभी तक अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन संभावित दावेदारों में मनोज तिवारी, विजय गोयल, गौतम गंभीर और सतीश उपाध्याय के नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं।
भ्रष्टाचार की होगी जांच
पीएम मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में हुए कथित घोटालों की पूरी तरह से जांच होगी। दिल्ली शराब नीति घोटाला, स्कूल निर्माण घोटाला, बस खरीद घोटाला जैसे कई मामलों की जांच पहले से ही चल रही है। अब नई भाजपा सरकार इस जांच को और तेज कर सकती है।
क्या दिल्ली की राजनीति में नया मोड़ आएगा?
इस चुनाव परिणाम ने दिल्ली की राजनीति को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। 2015 और 2020 में लगातार दो बार AAP ने जबरदस्त जीत हासिल की थी, लेकिन 2025 में भाजपा ने बाजी मार ली। यह दिखाता है कि दिल्ली की जनता अब बदलाव चाहती है।