
लातेहार, झारखंड – माओवादी और उग्रवादी संगठनों के खिलाफ झारखंड पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), COBRA और झारखंड जगुआर की संयुक्त कार्रवाई के तहत लातेहार जिले में उग्रवादियों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति “नई दिशा” से प्रभावित होकर प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद (JJMP) के दो सक्रिय सदस्यों पप्पु साव (32) और चन्दन प्रसाद (30) ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
लातेहार पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव और 11वीं बटालियन के समादेष्टा यादराम बुनकर की उपस्थिति में दोनों उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया। यह आत्मसमर्पण झारखंड में उग्रवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की लगातार सफल होती रणनीति और ऑपरेशनों का परिणाम है।
लातेहार में उग्रवाद के खिलाफ प्रभावी अभियान
पलामू से अलग होकर 2001 में बना लातेहार जिला लंबे समय से माओवादी और उग्रवादी संगठनों का गढ़ रहा है। यहां भाकपा (माओवादी), JJMP, TSPC, PLFI, SJJP और अन्य छोटे उग्रवादी गुट सक्रिय रहे हैं। माओवादियों के खिलाफ झारखंड पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने कई सफल ऑपरेशन चलाए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से “ऑपरेशन डबल बुल” और “ऑपरेशन ऑक्टोपस” शामिल हैं।
“ऑपरेशन डबल बुल” (2022)
- लातेहार, लोहरदगा और गुमला जिले में चला यह अभियान माओवादियों के ठिकाने बुलबुल पहाड़ को नष्ट करने के लिए शुरू किया गया था।
- इसमें भाकपा (माओवादी) के रीजनल कमेटी सदस्य रविंद्र गंझु के दस्ते को भारी नुकसान हुआ, कई माओवादी मारे गए और दर्जनों गिरफ्तार हुए।
- इसके बाद नक्सली संगठनों की कमर टूट गई और कई शीर्ष कमांडरों ने आत्मसमर्पण किया।
“ऑपरेशन ऑक्टोपस” (2022-23)
- झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बुढ़ा पहाड़ को नक्सल मुक्त करने के लिए शुरू किया गया था।
- लातेहार, गढ़वा पुलिस और CRPF, COBRA, झारखंड जगुआर की टीमों ने इस अभियान में हिस्सा लिया।
- इस ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के ठिकानों को ध्वस्त किया गया, भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया, और कई उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया।
- ग्रामीण इलाकों में पुलिस पिकेट स्थापित किए गए और सामुदायिक पुलिसिंग के जरिए लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया।
लातेहार में उग्रवाद की स्थिति और आत्मसमर्पण की बड़ी सफलता
विगत वर्षों में लातेहार पुलिस ने माओवादी और उग्रवादी संगठनों को कमजोर करने में बड़ी सफलता हासिल की है। JJMP और TSPC जैसे संगठनों के कई शीर्ष कमांडर गिरफ्तार किए गए या मारे गए।
- JJMP के सब-जोनल कमांडर शिवराज सिंह (5 लाख इनामी), एरिया कमांडर जितेंद्र सिंह (2 लाख इनामी) और खुर्शीद अंसारी सहित कई अन्य उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया।
- RCM छोटू खेरवार उर्फ छोटू जी (15 लाख इनामी) की आपसी कलह में हत्या हुई।
इस दबाव और सरकार की आत्मसमर्पण नीति के चलते अब माओवादी संगठनों के सदस्य आत्मसमर्पण करने के लिए आगे आ रहे हैं।

आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों का आपराधिक इतिहास
1. पप्पु साव (32 वर्ष, निवासी – होसिर, थाना छिपादोहर, लातेहार)
- बालूमाथ थाना कांड संख्या 217/2018 – धारा 341, 342, 323, 307, 384, 385, 427, 34 IPC, 10/13 UAPA, 17 CLA एक्ट, 25(1-B)a आर्म्स एक्ट।
- बालूमाथ थाना कांड संख्या 220/2018 – धारा 25(1-B)a, 26, 35 आर्म्स एक्ट, 17 CLA एक्ट।
- छिपादोहर थाना कांड संख्या 08/2018 – धारा 147, 148, 149, 307, 323, 325, 387, 452 IPC, 17 CLA एक्ट।
- छिपादोहर थाना कांड संख्या 04/2024 – धारा 25(1-B)a, 26(2), 35 आर्म्स एक्ट, 17 CLA एक्ट।
2. चन्दन प्रसाद (30 वर्ष, निवासी – होसिर, थाना छिपादोहर, लातेहार)
- छिपादोहर थाना कांड संख्या 04/2024 – धारा 25(1-B)a, 26(2), 35 आर्म्स एक्ट, 17 CLA एक्ट।
सरकार की आत्मसमर्पण नीति “नई दिशा” और उग्रवाद का अंत
झारखंड सरकार ने माओवादियों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए “नई दिशा” नामक आत्मसमर्पण नीति शुरू की है। इसके तहत आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को
- आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा प्रदान की जाती है।
- आत्मसमर्पण करने वालों को कानूनी राहत भी मिलती है, बशर्ते वे पुनः आपराधिक गतिविधियों में शामिल न हों।
इस नीति और सुरक्षा बलों के निरंतर अभियानों की वजह से झारखंड में उग्रवाद तेजी से समाप्त हो रहा है। लातेहार जिले में भी उग्रवादियों का प्रभाव काफी कम हो चुका है और पुलिस लगातार JJMP और TSPC जैसे बचे-खुचे संगठनों पर दबाव बनाए हुए है।
लातेहार पुलिस का मिशन जारी
पुलिस अधीक्षक श्री कुमार गौरव के नेतृत्व में लातेहार जिले को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं।
- नेतरहाट, महुआडाड़, गारु, बारेसाढ़, छिपादोहर जैसे घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- सरकार की योजनाओं और सुविधाओं के बारे में ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।
- पुलिस लगातार माओवादी और उग्रवादी संगठनों के खिलाफ दबिश बढ़ा रही है।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के इस फैसले से लातेहार जिले में शांति स्थापना की प्रक्रिया को और गति मिलेगी। आने वाले समय में झारखंड में नक्सलवाद के पूरी तरह खत्म होने की उम्मीद जताई जा रही है।