प्रेम कुमार साहू की रिपोर्ट,
घाघरा:– जल संरक्षण के महत्त्व को लेकर सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन सरकार के पीएचडी विभाग की लापरवाही के कारण घाघरा प्रखंड मुख्यालय में हजारों लीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद हो रहा है। जल का संरक्षण जहां जरूरी है, वहीं पानी का अपव्यय भी समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। खासकर गर्मी के मौसम में पानी की अहमियत और भी बढ़ जाती है, लेकिन विभाग की अनदेखी के कारण यह जल ही बर्बाद हो रहा है।
घाघरा प्रखंड मुख्यालय के बाजार टांड क्षेत्र में पानी की आपूर्ति में विभाग की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। यहां पेयजल आपूर्ति की स्थिति बेहद खराब है। करोड़ों रुपये की लागत से शुरू की गई ‘हर घर जल योजना’ के तहत पानी को सभी घरों तक पहुंचाने का लक्ष्य था, लेकिन पाइपलाइन कनेक्शन अधूरा रहने के कारण पानी को चालू कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, पानी घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है, और सड़क पर बहकर बर्बाद हो रहा है। यह समस्या सिर्फ बाजार टांड तक सीमित नहीं है, बल्कि मेन रोड पर भी पाइपलाइनों में लीक होने के कारण पानी का अपव्यय हो रहा है।
इस मुद्दे पर विभाग द्वारा कुछ काम किया गया है, लेकिन नियमित देखरेख की कमी के कारण पानी की बर्बादी लगातार जारी है। इससे न केवल सरकारी संसाधनों का भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि आम जनता को भी पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग की इस लापरवाही को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है, लेकिन सुधार की कोई स्पष्ट पहल नहीं हो पाई है।
जनता की ओर से कई बार इस मामले में शिकायतें की गईं, लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस समस्या के समाधान के लिए यदि शीघ्र ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में जल संकट और भी विकराल रूप धारण कर सकता है।
पानी के इस नुकसान को रोकने के लिए विभाग को तुरंत उचित कदम उठाने होंगे। पाइपलाइनों की मरम्मत और पानी की आपूर्ति व्यवस्था की नियमित निगरानी की आवश्यकता है, ताकि जल का सही उपयोग हो सके और सरकार के जल संरक्षण प्रयासों का उद्देश्य सफल हो सके।