
दीपक
जमशेदपुर :- आखिरकार वही हुआ जिसका अंदेशा था। जी हां जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय जदयू में शामिल हो गये हैं। हालांकि उनके तरफ से आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है। परंतु एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वे बिहार के मंत्री श्रवण कुमार समेत अन्य की मौजूदगी में जदयू नेताओं के बीच जदयू का पट्टा पहने खड़े हैं।
ऐसे में अब सरयू राय का भाजपा प्रेम सीधा तो नहीं लेकिन थ्रू बरकरार रहेगा। चूंकि जदयू एनडीए का हिस्सा है।
दूर से ही सही सहयोगी दल के नाते वो अब भाजपा के करीब होंगे। अब विचार करें उनके राजनीतिक भविष्य पर तो जदयू में शामिल होने बाद सरयू राय के दोनों हाथों में लड्डू है ! हालांकि कुछ अति उत्साही खबरिया चैनल वालों ने सरयू राय का पूर्वी विधान सभा सीट से टिकट भी कंफर्म कर दिया है। जबकि दिल्ली अभी दूर है। झारखंड में कभी जदयू मजबूत स्थिति में रही है। अब सरयू राय के जदयू में शामिल होने से यह मेल दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा , इसमें कोई दो राय नहीं है। झारखंड में जदयू को मजबूत लीडर की तलाश थी जो सरयू राय के जदयू में आने से पूरा हो गया। इस बार विस चुनाव में सरयू राय के इशारे पर जदयू सीटों की मांग अपेक्षा से ज्यादा रख सकती है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं सरयू राय स्वयं के लिए जमशेदपुर पूर्वी अथवा पश्चिम सीट पर परिस्थिति के अनुरूप दावा कर सकते हैं।
चूंकि कांग्रेस के वरीय नेता पूर्व सांसद व पूर्व एसपी डॉ अजय कुमार पूर्वी से विस चुनाव में उम्मीदवारी के लिए ताल ठोक चुके हैं। ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होना तय है। उधर जदयू गठबंधन की स्थिति में ज्यादा सीटें हासिल करने में कामयाब होती है तो आजसू पर प्रभाव पड़ना लाजिमी है। ऐसे में जदयू निकट भविष्य में आजसू का विकल्प भी झारखंड में बन सकती है ऐसी संभावना है।
जानकारों की माने तो यदि भाजपा के दवाब के आगे जदयू को झुकना पड़ा और जदयू को कथित जमशेदपुर सीट नहीं मिला तो भी सरयू राय का कद झारखंड में कम नहीं होगा ? कारण समझौता यह भी हो सकता है निकट भविष्य में उन्हें राज्यसभा भेजा जाए। बहरहाल अभी स्पष्ट रूप से कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। आगे – आगे देखिए होता है क्या ? लेकिन यह सच है कि सरयू राय का राजनीति भविष्य अब ठीक ठाक है।