
रामगढ़/दुमका:- रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत लखनपुर गांव में नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का सातवां दिन संपन्न हो गया।सातवें दिन की कथा में बाल व्यास राधा किशोरी जी ने माता रुक्मणी एवं कृष्ण के विवाह की कथा सुनाई। विवाह की कथा के पश्चात प्रद्युम्न का जन्म और शम्भरासुर का वध का बड़ा सुंदर प्रसंग सुनाया।फिर भगवान के आठ प्रमुख विवाह की कथा बताते हुए 16108 विवाह की कथा श्री किशोरी जी ने बड़े भावपूर्ण ढंग से श्रवण कराई। कथा व्यास द्वारा भक्तों को भजन और कीर्तन के माध्यम से भक्ति सागर मे डुबकी लगवाई।इसी के साथ बहुत सुंदर दिव्य झांकी की प्रस्तुति और फिर श्री सुदामा जी महाराज का पावन प्रसंग बड़े करुणा भाव से वर्णन करके सुनाया।

भक्तों की आंखों से सुदामा जी के भाव पर आंसू बरसते रहे।इसी के साथ सप्त दिवसीय कथा का आज यज्ञ पूर्णाहुति के साथ समापन हो जायेगा।श्री राधा किशोरी जी ने बताया की उनका जन्म 2003 में श्रीधाम वृंदावन में हुआ।2012 मे मात्र 9 साल की आयु से श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करना शुभारंभ किया था।वे इतने कम समय में लगभग 400 कथाएं की है और अभी भी सनातन धर्म के प्रचार के लिए नगर, शहर और गाँव,सम्पूर्ण भारतवर्ष एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने में लगी है।राधा किशोरी ने कहा की उन्हें भक्तों को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बड़ा हर्ष हो रहा है कि भाई बंधु एवं माता बहनों ने हमें ठाकुर जी के नाम व प्रचार एवं सनातन के प्रचार में बहुत सहयोग प्रदान किया।किशोरी जी ने झंझट टाइम्स अख़बार का भी धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा आपके अखबार के माध्यम से हमारी कथाओं का भी प्रचार होता है, और साथ ही जनमानस पर कृष्णा भावना जागृत होती है।श्रोताओं ने बताया कि कथा व्यास के द्वारा बड़े ही मनमोहक अंदाज मे कथा सुनाई गई।