नई दिल्ली।
देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों पर गंभीर चिंता जताते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि अब स्कूल और कॉलेज स्तर पर छात्रों को सड़क सुरक्षा शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए मंत्रालय ने शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर की पहल शुरू की है।
इस पहल का आधिकारिक शुभारंभ एक केंद्रीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान किया गया। इसका उद्देश्य युवाओं को कम उम्र से ही सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और जिम्मेदार नागरिक बनाना है।
“विज़न ज़ीरो: लाइफ फर्स्ट, ऑलवेज” पर संगोष्ठी
श्री गडकरी नई दिल्ली में फिक्की द्वारा आयोजित सड़क सुरक्षा पुरस्कार एवं संगोष्ठी 2025 के सातवें संस्करण को संबोधित कर रहे थे। इस वर्ष का विषय था :
“विज़न ज़ीरो : लाइफ फर्स्ट, ऑलवेज” – यानी सड़क पर जीवन सबसे पहले और हमेशा प्राथमिकता।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें जनभागीदारी और सामूहिक जिम्मेदारी की भी बड़ी भूमिका है।
मानव व्यवहार सबसे बड़ी चुनौती
श्री गडकरी ने कहा :
“भले ही हम नियमों, प्रवर्तन और बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहे हैं, लेकिन तकनीकी प्रगति के बावजूद सड़क पर मानव व्यवहार में बदलाव सबसे बड़ी चुनौती है। इसका सबसे अच्छा तरीका है बच्चों को कम उम्र से ही शिक्षा और प्रशिक्षण देना।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाली पीढ़ी को जागरूक बनाकर ही स्थायी बदलाव लाया जा सकता है।
कार्यक्रम में हुईं अहम घोषणाएँ
संगोष्ठी के दौरान कई महत्वपूर्ण पहलों और योजनाओं का उल्लेख किया गया, जिनमें शामिल हैं :
- भारत एनसीएपी (New Car Assessment Program) – वाहन सुरक्षा मानकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के लिए अपनाया गया।
- बस बॉडी कोड और सड़क सुरक्षा ऑडिट का सख्ती से प्रवर्तन।
- ट्रक चालकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए वातानुकूलित ट्रक केबिन और थकान का पता लगाने वाली आधुनिक प्रणालियाँ।
- देशव्यापी जागरूकता अभियान – अमिताभ बच्चन जैसे नायकों और शंकर महादेवन के संगीतमय सहयोग से तैयार संदेश, जिसे 22 भारतीय भाषाओं में अनुवादित किया गया है।
- राह-वीर योजना – सड़क दुर्घटना पीड़ितों की सहायता करने वाले नेक लोगों को प्रोत्साहन, प्रति घटना 25,000 रुपये का इनाम।
- पैदल यात्रियों की सुरक्षा – लिफ्ट-एनेबल्ड फुट ओवरब्रिज और स्कूटर-सुलभ बुनियादी ढांचे का विस्तार।
- डेटा-आधारित सड़क सुरक्षा ऑडिट – उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान, दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण और सुधारात्मक कार्रवाई।
- आउटरीच कार्यक्रम – सेवानिवृत्त पेशेवरों और नागरिकों को स्कूल-कॉलेज में स्वयंसेवा कर सड़क सुरक्षा जागरूकता फैलाने के लिए प्रोत्साहन।
नागरिकों की साझा जिम्मेदारी
अपने समापन संबोधन में श्री गडकरी ने कहा :
“सरकार प्रगतिशील नीतियां और सुरक्षा ढांचे लागू करती रहती है, लेकिन सड़क पर सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक की है। हर किसी को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए, मानदंडों का सम्मान करना चाहिए और दुर्घटना की स्थिति में तुरंत मदद करनी चाहिए।”
उत्कृष्ट योगदान करने वालों को मिला सम्मान
इस अवसर पर फिक्की ने सड़क सुरक्षा में उत्कृष्ट योगदान देने वाली कंपनियों और संस्थानों को सड़क सुरक्षा पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया।
पुरस्कार विजेताओं में शीर्ष मोटर वाहन निर्माता, तकनीकी कंपनियां और सुरक्षा-केंद्रित संगठन शामिल थे। इन्हें सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और सुरक्षा मानकों में सुधार के लिए किए गए प्रभावशाली नवाचारों और पहलों के लिए सम्मानित किया गया.