मुंबई।
कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को मुंबई में आयोजित भव्य स्टार रेटिंग पुरस्कार समारोह में उन कोयला और लिग्नाइट खदानों को सम्मानित किया, जिन्होंने सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, वैज्ञानिक खनन, उत्पादकता और सामुदायिक कल्याण जैसे मानकों में असाधारण प्रदर्शन किया है। यह आयोजन न केवल खनन क्षेत्र की उत्कृष्ट उपलब्धियों को रेखांकित करता है, बल्कि इसे और अधिक दायित्वपूर्ण, पारदर्शी और सतत बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता का भी परिचायक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी थे। उनके साथ मंच पर कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे और कोयला मंत्रालय के सचिव श्री विक्रम देव दत्त भी मौजूद थे। समारोह के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली खदानों को प्रमाणपत्र और पुरस्कार दिए गए। साथ ही हितधारकों के लिए नई डिज़ाइन की गई सीसीओ (Coal Controller’s Organisation) वेबसाइट और एक इंटरैक्टिव डैशबोर्ड का भी शुभारंभ किया गया, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि होगी।
खदानों को मिले फाइव-स्टार पुरस्कार
इस समारोह में उन खदानों को फाइव-स्टार रेटिंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिन्होंने वैश्विक मानकों के अनुरूप सुरक्षा, स्थिरता और परिचालन उत्कृष्टता को साबित किया है। केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि,
“स्टार रेटिंग केवल पुरस्कार नहीं है, बल्कि यह दायित्वपूर्ण खनन का मानक है। सभी खदानों को फाइव-स्टार दर्जा प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुरस्कार प्राप्त खदानें देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
सीसीयूएस और नवाचार पर जोर
समारोह में कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण (CCUS) और अनुसंधान एवं विकास पर आयोजित हैकथॉन के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। यह कदम इस तथ्य को उजागर करता है कि कोयला मंत्रालय केवल उत्पादन और आपूर्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि संधारणीय प्रौद्योगिकियों और नवाचार को भी प्रोत्साहन दे रहा है।
एलआईवीईएस और अर्थ रूपरेखा का अनावरण
इस अवसर पर मंत्रालय ने दो महत्वपूर्ण रूपरेखाओं का भी विमोचन किया :
- एलआईवीईएस (LIVES) – एक व्यापक प्रचालन निदेशिका, जिसे वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप खदानों के दायित्वपूर्ण और सतत बंदीकरण के मानक के रूप में तैयार किया गया है।
- एआरटीएच (ARTHA) – एक हरित वित्तपोषण रूपरेखा, जिसका उद्देश्य पुनः प्राप्त खदानों को पर्यावरण अनुकूल परिसंपत्तियों में परिवर्तित करने के लिए निवेश को बढ़ावा देना है।
केंद्रीय मंत्री रेड्डी का संबोधन
अपने मुख्य भाषण में श्री जी. किशन रेड्डी ने सभी विजेता खदानों की सराहना करते हुए कहा कि खनन क्षेत्र को अब नवाचार, पर्यावरणीय दायित्व और प्रतिस्पर्धात्मकता की राह पर चलना होगा। उन्होंने कहा :
- “अब समय आ गया है कि भारत आयात पर निर्भरता कम करके कोयला निर्यात की दिशा में भी कदम बढ़ाए।”
- “कोयले की गुणवत्ता सुधारने के लिए वाशरी का अधिक उपयोग करना होगा।”
- “कोयला गैसीकरण और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी अपनाकर मूल्य संवर्धन और उत्सर्जन में कमी लानी होगी।”
उन्होंने “सुधार, प्रदर्शन, परिवर्तन” को केवल नारा नहीं, बल्कि कर्तव्य बताया और सभी हितधारकों से प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर और विकसित भारत के विजन में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया।
राज्य मंत्री दुबे का वक्तव्य
कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे ने 2023-24 के लिए आयोजित इस पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दायित्वपूर्ण खनन का मतलब केवल उत्पादन क्षमता बढ़ाना नहीं है, बल्कि इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण, खदान बंदी के वैज्ञानिक उपाय और सामुदायिक कल्याण को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि :
- स्टार रेटिंग केवल नीति दक्षता का पैमाना नहीं, बल्कि भूमि पुनर्स्थापन, जैव विविधता संरक्षण और श्रमिक सुरक्षा का भी मानक है।
- खनन को सामाजिक-आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने वाले क्षेत्र के रूप में देखा जाना चाहिए।
सचिव विक्रम देव दत्त का संदेश
कोयला मंत्रालय के सचिव श्री विक्रम देव दत्त ने पुरस्कार विजेता खदानों को बधाई देते हुए कहा कि स्टार रेटिंग ढांचा निरंतर सुधार का उत्प्रेरक है। यह हर खदान को केवल अनुपालन से आगे बढ़कर परिचालन के हर पहलू में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करता है।
उन्होंने यह भी बताया कि :
- भारत ने पिछले वर्ष एक अरब टन से अधिक कोयला उत्पादन और आपूर्ति कर ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है।
- यह उपलब्धि खनन क्षेत्र की स्थिर वृद्धि और अनुकूलन क्षमता का प्रमाण है।
- आने वाले समय में खनन को दायित्वपूर्ण, संवहनीय और प्रतिस्पर्धी होना अनिवार्य है।
समुदाय और श्रमिक कल्याण पर जोर
केंद्रीय मंत्री रेड्डी और राज्य मंत्री दुबे दोनों ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि खनन कार्यों के मूल में समुदाय-केंद्रित गतिविधियों, बड़े पैमाने पर वनरोपण, श्रमिक सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दायित्वपूर्ण खनन न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा, बल्कि कोयला उत्पादक क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जीवन गुणवत्ता भी बेहतर बनाएगा।
दिव्यांग बच्चों की प्रस्तुति बनी आकर्षण का केंद्र
समारोह के दौरान एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें दिव्यांग बच्चों ने अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का अद्भुत प्रदर्शन किया। उनकी प्रेरक प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और यह संदेश दिया कि समाज के सभी वर्गों की क्षमताओं को सम्मान और अवसर मिलना चाहिए।
उपस्थित गणमान्य और कंपनियाँ
इस आयोजन में अपर सचिव श्रीमती रूपिंदर बरार, कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कोयला कंपनियों के प्रतिनिधि और निजी क्षेत्र की खनन कंपनियाँ भी शामिल हुईं। कार्यक्रम का स्वरूप न केवल सरकारी-निजी साझेदारी की झलक पेश करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि खनन क्षेत्र के सभी हितधारक सतत और दायित्वपूर्ण विकास के लिए एकजुट हैं.