नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को एक बड़ा संदेश देते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय के लिए सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार जन औषधि केन्द्रों, आयुष्मान भारत योजना और अब जीएसटी सुधारों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुँचाने के लिए निरंतर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स (X) पर डॉ. सुमीत शाह की एक पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा :
“प्रत्येक भारतीय के लिए किफायती स्वास्थ्य सेवा हमेशा से हमारा लक्ष्य रहा है।
जन औषधि केंद्रों से आयुष्मान भारत तक और अब आवश्यक स्वास्थ्य उत्पादों पर जीएसटी में कमी के साथ, 33 जीवन रक्षक दवाओं पर शून्य कर सहित, हम गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल को सभी के लिए अधिक सुलभ और किफायती बनाने की अपनी यात्रा जारी रखेंगे।
#NextGenGST”
जन औषधि केन्द्रों से आयुष्मान भारत तक
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में बीते वर्षों की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि जन औषधि केन्द्रों ने गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत दी है। इन केन्द्रों के माध्यम से लोगों को 90 प्रतिशत तक सस्ती दवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
वहीं, आयुष्मान भारत योजना ने करोड़ों परिवारों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा देकर जीवन बदल दिया है। आज 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलने से आमजन को बड़े आर्थिक संकट से बचाया जा रहा है।
अब स्वास्थ्य उत्पादों पर जीएसटी में राहत
सरकार ने हाल ही में #NextGenGST सुधारों की घोषणा की है, जिसके तहत 33 जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी पूरी तरह शून्य कर दिया गया है। इसके अलावा कई जरूरी स्वास्थ्य उत्पादों पर कर दरों में कमी की गई है। इसका सीधा लाभ मरीजों और उनके परिजनों को मिलेगा।
जीएसटी दरों में कमी का असर अस्पतालों, फार्मेसी और डायग्नोस्टिक सेंटरों पर भी पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे इलाज की कुल लागत घटेगी और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा अधिक लोगों की पहुँच में आ सकेगी।
स्वास्थ्य सेवा को लेकर सरकार की दृष्टि
प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि स्वस्थ भारत ही समृद्ध भारत की नींव है। उनकी सरकार ने बीते 10 वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में कई बड़े कदम उठाए हैं :
- एम्स और मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि
- टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार
- ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करना
- मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान
- डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत मरीजों का हेल्थ आईडी कार्ड जारी करना
विशेषज्ञों की राय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दवाओं और स्वास्थ्य उत्पादों पर कर में राहत देने का फैसला गरीब और मध्यम वर्गीय मरीजों के लिए बहुत बड़ी राहत है। महंगी दवाओं के कारण अक्सर लोग समय पर इलाज नहीं करा पाते। अब जीवन रक्षक दवाओं पर शून्य कर से न केवल उनकी जेब पर बोझ कम होगा, बल्कि जीवन बचाने की संभावना भी बढ़ेगी।
डॉ. सुमीत शाह, जिनकी पोस्ट पर प्रधानमंत्री ने प्रतिक्रिया दी, ने भी लिखा कि यह कदम स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रधानमंत्री के इस कदम का स्वागत किया है। कई लोगों ने लिखा कि यह फैसला गरीब परिवारों के लिए राहत की सांस है। वहीं, कुछ ने उम्मीद जताई कि आगे और भी दवाओं और उपकरणों को जीएसटी राहत की श्रेणी में लाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी का यह ऐलान बताता है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कितनी गंभीर है। जन औषधि केन्द्र, आयुष्मान भारत, और अब #NextGenGST सुधार—ये सभी कदम इस दिशा में मील के पत्थर हैं। आने वाले समय में स्वास्थ्य क्षेत्र में और सुधारों की उम्मीद की जा रही है।
सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक, चाहे वह किसी भी आर्थिक वर्ग से हो, उसे समय पर और किफायती स्वास्थ्य सेवा मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी ने जो संकल्प लिया है, वह भारत को एक स्वस्थ और सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।