लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड में 20 जनवरी को एक दिवसीय स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया गया, जिसमें सरकार की जनकल्याणकारी स्वास्थ्य योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक किया गया और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं प्रदान की गई। इस स्वास्थ्य मेले का उद्देश्य लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करना था, ताकि वे बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें और अपनी जीवनशैली में सुधार कर सकें।
स्वास्थ्य मेला का उद्घाटन
लातेहार प्रखंड कार्यालय परिसर में आयोजित इस स्वास्थ्य मेला का शुभारंभ सिविल सर्जन श्री अवधेश कुमार सिंह और प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री मनोज कुमार तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान सिविल सर्जन ने बताया कि यह मेला सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं और कार्यक्रमों को जनमानस तक पहुंचाने के लिए आयोजित किया गया है। इस मेले में ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें स्वास्थ्य से संबंधित सेवाएं प्रदान की गईं।
स्वास्थ्य मेले में उपलब्ध सेवाएं
स्वास्थ्य मेला में कई प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गईं, जिनमें प्रमुख रूप से सामान्य चिकित्सा, मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, टीकाकरण, परिवार नियोजन परामर्श, मोतियाबिंद की जांच, आंख, कान और गले से संबंधित बीमारियों की जांच, दंत चिकित्सा जांच, त्वचा की जांच, पोषण पर परामर्श, एड्स नियंत्रण, कुष्ठ नियंत्रण, टी.बी. नियंत्रण, मलेरिया नियंत्रण, धूम्रपान और तंबाकू के सेवन के बुरे प्रभाव की जानकारी, कैंसर नियंत्रण जागरूकता जैसे कार्यक्रम शामिल थे।
साथ ही, स्वास्थ्य जांच केंद्र के माध्यम से ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें सामान्य बीमारियों, रक्तचाप, शुगर, संक्रमण जैसी बीमारियों की जांच की गई। जांच के बाद, दवाइयों का वितरण भी किया गया और आवश्यकतानुसार उपचार के लिए विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया।
स्वास्थ्य मेला में कितने मरीजों का हुआ इलाज
लातेहार प्रखंड में आयोजित इस स्वास्थ्य मेले में कुल 530 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके अलावा, बालूमाथ प्रखंड में आयोजित स्वास्थ्य मेला में कुल 348 मरीजों का इलाज किया गया। इस प्रकार, स्वास्थ्य मेले में लगभग 878 मरीजों ने अपना इलाज कराया और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया।
स्वास्थ्य मेला का उद्देश्य और महत्व
स्वास्थ्य मेला का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना और उन्हें विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में जानकारी देना था। इस मेले के माध्यम से लोग अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान पा सके और समय रहते उचित इलाज ले सकें। इसके साथ ही, यह मेला ग्रामीणों को जीवनशैली में सुधार लाने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया।
सिविल सर्जन श्री अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रकार के मेले न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं को जनमानस तक पहुंचाने में मदद करते हैं, बल्कि यह लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का एक प्रभावी तरीका भी है। इससे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति विश्वास बढ़ता है और लोग अपनी समस्याओं को खुले रूप से साझा कर पाते हैं।
स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में जानकारी
स्वास्थ्य मेले के दौरान ग्रामीणों को कई स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में बताया गया, जिनमें प्रमुख योजनाएं थीं:
- आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर: इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया गया है, ताकि लोग प्राथमिक चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें।
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना: इस योजना के तहत गरीब परिवारों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है, जिससे उन्हें गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए वित्तीय सहायता मिलती है।
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन: यह मिशन स्वास्थ्य डेटा के डिजिटलीकरण के लिए है, जिससे मरीजों की स्वास्थ्य जानकारी एकत्रित की जाती है और विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाना आसान होता है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन: इसके तहत मातृ और शिशु स्वास्थ्य, संचारी रोगों और गैर-संचारी रोगों की रोकथाम के लिए कार्य किए जाते हैं।
- मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम: इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं, ताकि उनकी सेहत बेहतर हो सके।
आने वाले स्वास्थ्य मेलों की जानकारी
लातेहार जिले में 20 से 24 जनवरी तक सभी प्रखंडों में एक दिवसीय स्वास्थ्य मेला आयोजित किया जा रहा है। 22 जनवरी को गारू, मनिका, बारियातु प्रखंडों में, 23 जनवरी को महुआडांड प्रखंड में और 24 जनवरी को बरवाडीह, चंदवा, हेरहंज और सरयू प्रखंडों में स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जाएगा।
इस प्रकार के स्वास्थ्य मेलों से यह सुनिश्चित होता है कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं और स्वास्थ्य सेवाएं सही समय पर जरूरतमंदों तक पहुंच सकें। यह कार्यक्रम ग्रामीण जनता के बीच जागरूकता फैलाने के साथ-साथ उनके जीवन स्तर को भी बेहतर बनाने में सहायक साबित हो रहे हैं।