राँची के नामकुम थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दस गोवंशीय पशुओं से लदी एक पिकअप वैन को पकड़ा है। पुलिस ने इस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पिकअप वैन का चालक शोहेब खान सहित दो अन्य तस्कर बेलाल खान और शेख गुलाम सरवर शामिल हैं। ये सभी तस्कर पशु तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए हैं।
पुलिस को मिली सूचना पर कार्रवाई
पुलिस को गोवंशीय पशुओं की तस्करी की जानकारी मिली थी, जिसके बाद नामकुम पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक जांच अभियान शुरू किया। सूचना के अनुसार, उड़ीसा से गोवंशीय पशुओं को तस्करी के लिए राँची के रास्ते लाया जा रहा था। यह तस्करी खरसीदाग रिंगरोड होते हुए कुटियातू और कांटाटोली के रास्ते की जा रही थी। पुलिस को यह जानकारी मिलने के बाद, सदाबहार चौक के पास सघन तलाशी अभियान चलाया गया।
पिकअप वैन का चालक पुलिस को देखकर भागने की कोशिश करता है
जब पुलिस ने सदाबहार चौक के पास वैन को रोकने का प्रयास किया, तो पिकअप वैन का चालक पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करने लगा। चालक की संदिग्ध हरकतों को देख पुलिस ने तुरंत पीछा किया और उसे सिटी इंडेन गैस एजेंसी के पास पकड़ लिया। पुलिस ने जब वैन की तलाशी ली, तो उसमें दस गोवंशीय पशु लदे हुए पाए गए। इसके अलावा, एक पशु की मौत भी हो चुकी थी, जिसे पुलिस ने बरामद किया।
तस्करी के आरोप में तीन तस्करों की गिरफ्तारी
पिकअप वैन में सवार तीनों तस्करों की पहचान शोहेब खान, बेलाल खान और शेख गुलाम सरवर के रूप में हुई। शोहेब खान राँची के कोचा पाकड़ टोली, तोरपा का निवासी है और पिकअप वैन का चालक था। बेलाल खान और शेख गुलाम सरवर दोनों गुमला जिले के निवासी हैं। पुलिस ने इन तीनों को तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
तस्करी की योजना और पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया
पुलिस के अनुसार, तस्कर पशुओं को उड़ीसा से लाकर राँची और आसपास के क्षेत्रों में बेचने की योजना बना रहे थे। तस्करी की यह घटना पशु संरक्षण और कानून के उल्लंघन के तहत गंभीर अपराध मानी जाती है। पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए तस्करों को गिरफ्तार किया और पशुओं को सुरक्षित स्थान पर भेजा।
पुलिस ने की तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
इस गिरफ्तारी के साथ-साथ पुलिस ने यह भी बताया कि गोवंशीय पशुओं की तस्करी को रोकने के लिए उनके द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है। पशु तस्करी एक गंभीर अपराध है और यह न केवल कानून का उल्लंघन करता है, बल्कि यह पशु कल्याण के खिलाफ भी है। पुलिस का कहना है कि तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी और ऐसे अभियानों के जरिए तस्करी के रैकेट को नष्ट करने की कोशिश की जाएगी।
गोवंशीय पशुओं की तस्करी पर बढ़ी सख्ती
गोवंशीय तस्करी की घटनाएँ कई स्थानों पर देखने को मिलती रही हैं, और इन मामलों में पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार मुस्तैद रहती हैं। तस्करी के मामलों में शामिल तस्करों को पकड़ने के लिए पुलिस विशेष अभियान चला रही है। इस तरह की तस्करी न केवल जानवरों के प्रति क्रूरता का प्रदर्शन करती है, बल्कि यह सामाजिक और कानूनी सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक साबित हो सकती है।
नामकुम पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल तस्करों को गिरफ्तार किया, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। इस कार्रवाई से यह साबित होता है कि पुलिस किसी भी अपराधी को पकडने में तत्पर है और किसी भी तरह के अवैध कार्यों पर नजर रख रही है। गोवंशीय तस्करी जैसे मामलों में पुलिस की सजगता और तत्परता की आवश्यकता है, ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके और पशु कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।
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