- एक मानव तस्कर गिरफ्तार मानव तस्करी करना मानवता का अभिशाप है।
लातेहार:- मानव तस्करी एक जघन्य अपराध है , खासकर झारखण्ड एव छत्तीसगढ़ के ग्रामीण आदिवासी बहुल क्षेत्र में गरीबी एव अशिक्षा को ढाल बनाकर मानव तस्करों द्वारा ग्रामीणों को बहला फुसलाकर तथा रूपये का लालच देकर नाबालिक बच्चियों और बच्चो को महानगरों में घरेलू कार्य हेतु पहुंचाते हैं। इस तरह की घटना को लेकर लातेहार जिला के विभिन्न थाना में08.11.2022 धारा 370 (4) , 34 भा0द0वि0 दर्ज किया गया है। इसी सन्दर्भ में लातेहार जिला अंतर्गत महुआडाड़ थाना कांड सं0 – 5 95 /202 को तस्करों द्वारा महानगर दिल्ली, चंडीगढ़ एवं पानीपत राज्य से बाहर भेजा गया था। बच्चियों की बरामदगी हेतु पुलिस अधीक्षक के द्वारा एक स्पेशल एसआईटी टीम का गठन कर बच्चियों के रेस्क्यू हेतु दिल्ली, चंडीगढ़ एवं पानीपत,नोएडा(यूपी) भेजा गया। जहाँ से 9 बच्चियों को रेस्क्यू कर वापस लाया गया है। इस अभियान की जानकारी लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने प्रेस वार्ता के दौरान कही। ये सभी बच्चियाँ लातेहार जिला एवं छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला की रहने वाली हैं। अनुसंधान में यह बात प्रकाश में आयी है कि मानव तस्करों की एक श्रृंखला है जो कि इन सूदूरवर्ती क्षेत्रों से महानगरों को जोड़ती है। इस श्रृंखला की पहली कड़ी एजेंट हैं। जो अपने आसपास के गाँव से आदिम जनजाति के गरीब परिवारों को चिन्हित कर उन्हें पैसा एवं काम दिलाने का लालच देती है। दूसरी कड़ी फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी तक फ्लाईट, ट्रेन, बस के माध्यम से पहुँचाने का काम करते हैं। बच्चियों को प्लेसमेंट एजेंसीज में ले जाकर एक दो हफ्ते रखा जाता है जिस दौरान बच्चियों को काम के बारे में सिखाया जाता है। अथवा उसके पुराने पहचान पत्र एवं मोबाईल को वहाँ जमा करवा लिया जाता है।
जिससे वह अपने परिजनों के संपर्क में ना रह सके। इसी दौरान बच्चियों का नाम-पता बदलकर एक फर्जी पहचान पत्र बनवा दिया जाता है।साथ ही लड़कियों को पहचानने में मुश्किल हो जिस कारण बच्चियों तक प्लेसर्स के अलावा कोई और ना पहुँच पाये। श्रृंखला की तीसरी कड़ी प्लेसर्स बच्चियों को क्लाईट के पास भेजते हैं एवं इसके एवज में कमीशन के तौर पर मोटी रकम लेते हैं। श्रृंखला की अंतिम कड़ी क्लाईट जहाँ बच्चियों को बिना वेतन दिये एवं बच्चियों को बिना सत्यापन किये काम पर रख लेते हैं। ज्यादातर यह देखा गया है कि बच्चियों से दिन भर घर के सारे काम कराये जाते हैं, ठीक से खाना या कपड़ा भी नहीं दिया जाता है तथा इनके साथ क्लाईट , सेठ , मैडम मारपीट एवं दुर्व्यवहार भी करते हैं। कई बार एक मानव तस्कर पीड़ित को दूसरे मानव तस्कर के पास सप्लाई भी कर देते हैं। पीडित के पास मोबाईल फोन या किसी तरह से संपर्क करने के साधन नहीं होते है। क्लाइंट एवं प्लेसमेंट एजेंट यह सुनिश्चित करती थी कि पीड़ित किसी से बात न कर पाये एवं खुद के विषय में किसी को कुछ न बता पाए। मानव तस्करों से बच्चों को बचाने हेतु तथा इस तरह के मामलों में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु लातेहार पुलिस द्वारा टीम का गठन कर अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में नुक्कड़ नाटक एवं विभिन्न तरीको से ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। सभी कानूनी प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए रेस्क्यू किये गए है। सभी बच्चियों एवं बच्चों को शिक्षा एवं पुनर्वास की व्यवस्था लातेहार प्रशासन द्वारा की जा रही है।गिरफ्तार अभियुक्त मनोज यादव सामरी रोड कंजिया, – कुसमी, जिला – बलरामपुर छत्तीसगढ़ ,वर्तमान पता – सा० – भुगलुडीह, थाना – महुआडा – लातेहार है।इस अभियान में . पुलिस निरीक्षक चंद्रशेखर चौधरी ,पु0अ0नि0 कुमार सुमित यादव,थाना प्रभारी , पु0अ0नि0 आशुतोष यादव, महुआडांड़ थाना प्रभारी , पु0अ0नि0 अजय कुमार दास, महुआडांड़ थाना ,पु0अ0नि0 रुपलाल प्रसाद, हेरहंज थाना , पु0अ0नि0 मो0 शाहरुख, लातेहार थाना , आरक्षी पंकज कुमार ,म0आ0 मुगी सोरेन ,0आ0 गोदलिवा कुजूर शामिल थे।