मिशन वात्सल्य योजना के तहत जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने किया समीक्षा बैठक
लातेहार, 8 जनवरी 2025: जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेमब्रम ने बुधवार को मिशन वात्सल्य योजना की समीक्षा बैठक की, जिसमें बाल कल्याण और चाइल्ड हेल्पलाइन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। इस दौरान उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 के प्रचार को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को इस सेवा का लाभ मिल सके।
बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने चाइल्ड हेल्पलाइन में कार्यरत कर्मियों को आपस में समन्वय बढ़ाने और जिला से प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुसार कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि सभी कर्मियों को चाहिए कि वे नियमित रूप से बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत बच्चों की सूचियों का संधारण करें और सुनिश्चित करें कि प्रत्येक बच्चे का गृह सत्यापन समय पर हो।
अलका हेमब्रम ने बाल गृह में रह रहे बच्चों के लिए भी कुछ अहम निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि उन बच्चों का गृह सत्यापन तुरंत किया जाना चाहिए जिनके परिवार में से कोई एक सदस्य जीवित है, ताकि वे पुनः अपने घर वापस जा सकें। इसके लिए बाल कल्याण समिति से समन्वय करके आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मिशन वात्सल्य योजना का मुख्य उद्देश्य अनाथ बच्चों को समाज में पुनः स्थापित करना और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करना है। इसके तहत बच्चों के लिए स्पोंसरशिप स्कीम शुरू की जाएगी, ताकि उन्हें शिक्षा और अन्य जरूरी सेवाएं मिल सकें। श्रीमती हेमब्रम ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी अनाथ बच्चों को स्पोंसरशिप स्कीम से जोड़ा जाए ताकि उनका जीवन बेहतर हो सके।
बैठक में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य, लातेहार चाइल्ड हेल्पलाइन लातेहार और बरवाडीह के सभी कर्मी भी उपस्थित थे। उन्होंने इस बात पर भी ध्यान केंद्रित किया कि चाइल्ड हेल्पलाइन का प्रचार-प्रसार गांव-गांव तक हो, ताकि जरूरतमंद बच्चे इस सेवा का लाभ उठा सकें।
समाप्ति पर, श्रीमती अलका हेमब्रम ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया कि बाल कल्याण के क्षेत्र में कोई कोताही न बरती जाए और सभी कार्य तेजी से, पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से किए जाएं।
मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत यह समीक्षा बैठक बाल कल्याण और समाज में अनाथ बच्चों के लिए बेहतर अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकती है।