
नई दिल्ली (आरएनएस)।:-कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और मर्डर मामले के बाद देश भर में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी क्रम में जूनियर डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा योजना की जानकारी दी है ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं से बचा जा सके। हाल ही में एक मामला सामने आया है जिसमें आंध्र प्रदेश के तिरुपति में एक मरीज ने जूनियर डॉक्टर पर हमला कर दिया।
यह घटना श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसवीआईएमएस) के अस्पताल में हुई और सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि हमलावर डॉक्टर को बालों से पकड़कर उसके सिर को अस्पताल के बिस्तर के स्टील फ्रेम पर पटकता है। अन्य डॉक्टर तुरंत अपने साथी की रक्षा के लिए पहुंच जाते हैं और हमलावर को नियंत्रित कर लेते हैं। यह घटना तिरुपति के एसवीआईएमएस के आपातकालीन चिकित्सा विभाग में घटी।
एसवीआईएमएस के निदेशक सह कुलपति डॉ. आरवी कुमार को एक पत्र में इंटर्न ने बताया कि वह शनिवार को आपातकालीन चिकित्सा विभाग में ड्यूटी पर थी। पत्र में उसने लिखा, मुझ पर मरीज बंगारू राजू ने हमला किया, जिसने अचानक मेरे पास आकर मेरे बाल खींचे और मेरे सिर को खाट की स्टील की रॉड से पीटना शुरू कर दिया। उसने यह भी कहा कि वहां कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था।
इस घटना के बाद पीडि़ता ने अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस तरह की वारदात से कार्यस्थल पर सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न होती है। उसने बताया कि यदि मरीज के पास धारदार हथियार होता, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी। डॉक्टर ने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों की मांग की।
घटना के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग की। यह घटना कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के रेप और हत्या की घटना के कुछ सप्ताह बाद सामने आई है।
उस घटना में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ ड्यूटी के दौरान बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और देश भर के कई प्रमुख संस्थानों के डॉक्टर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं।