लातेहार:-जिला मुख्यालय स्थित सरस्वती विद्या मंदिर, लातेहार में संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास की जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य ओमकार नाथ सहाय व मधु कुमारी ने संयुक्त रुप से मां सरस्वती एवं गोस्वामी तुलसीदास के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पित कर किया। रामचरित मानस की रचना करने वाले संत शिरोमणि तुलसीदास जी की जयंती को लेकर स्कूल में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य ओंकारनाथ सहाय ने सभी भैया-बहनों को विद्यालय के प्रत्येक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
तुलसी जी का जीवन परिचय देते हुए उनके विषय में भैया बहनों को अभूतपूर्व जानकारियां प्रदान की, उनके जीवन से संबंधित प्रेरक प्रसंग,रचनाएं भी सुनाई। इस दौरान विद्यालय की आचार्या मधु कुमारी ने गोस्वामी तुलसीदास के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए भैया बहनों को बताया कि भगवान राम को मर्यादा पुरुषोतम कहा जाता है।
क्योंकि स्वयं राम ही इस समाज में एक ऐसे उदाहरण है जो मर्यादा को बचाएं रखें। पिता के कहने पर राजपाट छोड़कर वन को चले गए और माता सीता के चरित्र पर उंगली उठी, तो उनका पहले अग्निपरीक्षा लिया। आगे उन्होंने बताया कि राम-सीता के पूरे जीवन को तुलसीदास ने रामचरित मानस में पिरोया है।
मौके पर विद्यालय के सभी भैया- बहनों के लिए सुलेख, चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में सभी वर्गों में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले भैया-बहनों को विद्या विकास समिति, झारखंड द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी आचार्य दीदी जी का सराहनीय योगदान रहा।