Manika:-इस्लाम धर्म को मनाने वालों के लिए ईद ए मिलाद उन नबी का पर्व बहुत ही खास होता है। इस पर्व को ईदो की ईद कहा जाता है क्योंकि इस दिन अल्लाह के दूत पैगंबर हजरत मोमुहम्मद की जयंती होती है। झारखंड के मनिका में ईद ए मिलाद उन नवी को लेकर कड़ी सुरक्षा के बीच वैभव जुलूस निकाला गया। इस दौरान जिला प्रशासन ने सुरक्षा के चाक चैबंध व्यवस्था की सभी जगह पर पुलिस बल तैनात रहे साथ ही जुलूस मनिका हाई स्कूल के मैदान से थाना परिसर होते पचफैरी चौक तक पहुंच कर इस त्यौहार पर मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों ने गाजेबाजे के साथ हजारों हजार की संख्या में जुलूस निकाली गई इस अवसर पर समुदाय से जुड़े लोगों ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद का जन्म आज ही के दिन हुआ था।
आइए जानते हैं क्यों इस दिन मानते हैं.
इंसानियत और प्यार के पैरोकार पैगंबर मोहम्मद साहब पर एक बुजुर्ग महिला रोजाना कूड़ा फेंकती थी, लेकिन फिर भी उन्होंने उस महिला को कभी कुछ बुरा नहीं कहा।पैगंबर मोहम्मद साहब को इंसानियत और प्यार का पैरोकार यूं नहीं कहा जाता है. उन्होंने अपने अनुयायियों को हमेशा इंसानियत की राह ही दिखाई, पैगंबर साहब खुद भी मानवता की एक बहुत बड़ी मिसाल थे, पैगंबर ने उस बुढ़िया को भी कभी बुरा नहीं कहा जो रोजाना उन पर कूड़ा फेंकती थी. पैगंबर साबह ने उल्टा उस बुढ़िया का इलाज करवाया था,, उसके लिए दुआएं मांगी।
दरअसल, पैगंबर मोहम्मद साहब जिस रास्ते से गुजरते थे वहां एक बुढ़िया रहती थी, वो बुढ़िया रोजाना पैगंबर साहब पर कूड़ा फेंकती थी, पैगंबर बिना कुछ बोले मुस्कुराते और उस औरत के लिए दुआ कर चुपचाप निकल जाते थे, एक दिन जब मोहम्मद मुस्तफा साहब पर कूड़ा नही पड़ा तो उन्होंने पूछा यहां एक औरत हुआ करती थी जो रोज कूड़ा फेंकती थी, तो पता चला कि वो औरत बीमार है, जैसे ही मोहम्मद साहब को बुढ़िया की बीमारी का पता चला तो वे तुरंत उस औरत का हाल लेने पहुंच गए, पैगंबर ने बुढ़िया से पूछा कि आज आपने मेरे ऊपर कूड़ा नही फेंका तो आपको देखने आ गया और अल्लाह से दुआ की आप जल्दी ठीक हो जाओ, ये देख वो औरत रोने लगी और हजरत मोहम्मद से माफी मांगी।
वह धरती पर आकर सुख शांति समृद्धि तथा आपसी तथा भाईचारे उन्होंने पैगाम दिया था उन्हीं के खुशी में आज यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
मौके पर अख्तर अंसारी कुलेन अंसारी कौसर अंसारी अकबर अंसारी सेमत लोग उपस्थित थे।