चतरा:- गिद्धौर प्रखंड में पदस्थापित पंचायत सेवक कमलेश वर्मा एवं प्रखंड समन्वयक 15वें वित के सीताराम रजक ने प्रखण्ड के पहरा गाँव के सूरज साव से बतौर रिश्वत के रूप में रूपये की मांग किया गया था। जिसे लेकर पूर्व में हीं सूरज साव ने एसीबी टीम को लिखित जानकारी दिया था। सूरज के जानकारी एंव लिखित शिकायत के आलोक में एसीबी टीम ने पूर्व में सत्यापन कर चुकी थी। एसीबी टीम ने सूरज के साथ गिधौर पहुंचा ।जहां सूरज ने मांगी गयी रिश्वत का रुपया जैसे हीं दोनों को दिया की इधर एसीबी टीम ने आरोपी कमलेश और सीताराम को धर दबोचा। साथ हीं दोनों को रिश्वत लेने के जुर्म में गिरफ्तार कर हजारीबाग ले गयी है। बता दें कि इन दिनों छोटे कार्यालयों। से लेकर बड़े कार्यालयों में रिश्वत रूपी प्रसाद खाने और खिलाने का दौर चरम पर है। जिससे आम गरीब लोगों को काम ना के बराबर होता है चुकी दान दक्षिणा रूपी लेने वाले देवता जब तक रूपये की खुशबु नहीं सुंघेगें तब तक किसी तरह का काम होना नदारद है। वहीं यदि विकास रूपी योजनाओं की यदि बात करें तो वगैर प्रसाद का कोई कार्य होना दुर्लभ है। चाहे प्रखण्ड हो या चाहे अंचल हो सभी में रिश्वत लेने वाले लाचार देवता अपने अपने प्रसाद रूपी भोग लगाने के लिए मौजूद हैं। वहीं छोटे कर्मचारियों को मजबूरी भी है कि जब उपरे स्तर के पदाधिकारियों द्वारा यही प्रसाद चढ़ावा के लिए हमेशा टॉर्चर किया जाता है। जिसका नतीजा है कि 100 रूपये विकास के लिए यदि केंद्र या राज्य से चलता है तो धरातल पर महज 15 से 20 रूपये का हीं कार्य होता है। गौर तलब है कि अनियमितता के लिए पत्रकारों द्वारा लाख खबर पर खबर प्रकाशित की जाय परन्तु जेई एईई स्कुटिव इंजीनियर द्वारा कोई जांच पड़ताल नहीं की जाती है। जिसका जीता जागता उदाहरण है कि डीएमएफटी योजनाओं के तहत बनाए जा रहे सड़कों में लूट का छूट बनी हुई है ।यदि सही से जाँच की जाय तो सारा मामला साफ़ हो जाएगा।