लातेहार, 13 अगस्त 2025। उप विकास आयुक्त (डीडीसी) श्री सैय्यद रियाज़ अहमद की अध्यक्षता में बुधवार को जिला समाज कल्याण कार्यालय के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, प्रगति की स्थिति और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में पोषण ट्रैकर, समर कार्यक्रम, सेविका-सहायिका पदों की रिक्तियां, आंगनबाड़ी केंद्रों में आधारभूत संरचना, तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा की गई। डीडीसी ने स्पष्ट कहा कि सभी अधिकारियों को अपने-अपने दायित्व समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा करने होंगे, ताकि जिले में पोषण, स्वास्थ्य और देखभाल से जुड़े लक्ष्यों को समय सीमा के भीतर हासिल किया जा सके।
समर ऐप में प्रविष्टि 25 अगस्त तक पूरी करने का निर्देश
डीडीसी ने निर्देश दिया कि समर ऐप में सभी कुपोषित बच्चों की प्रविष्टि 25 अगस्त 2025 तक 100% पूरी कर ली जाए। इस कार्य के लिए संबंधित सीडीपीओ, एमओआईसी, एलएस एवं एएनएम को ऑनलाइन प्रशिक्षण शीघ्र प्रदान किया जाए, ताकि किसी भी स्तर पर तकनीकी या प्रक्रियागत बाधा न आए।
FRS कार्य में 50% लक्ष्य अनिवार्य
बैठक में FRS कार्य की समीक्षा करते हुए डीडीसी ने लातेहार जिले को 25 अगस्त तक कम से कम 50% लक्ष्य हासिल करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्य की प्रगति को साप्ताहिक रूप से मॉनिटर किया जाए और देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।
आधारभूत संरचना का सत्यापन और जन सेतु पोर्टल पर अपलोड
डीडीसी ने निर्देश दिया कि पोषण ट्रैकर में अपलोड किए गए आधारभूत संरचना संबंधी प्रतिवेदन को एलएस द्वारा सत्यापित किया जाए और एक सप्ताह के भीतर जन सेतु पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वास्तविक स्थिति और पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों में कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
आंगनबाड़ी केंद्रों की नियमितता पर सख्ती
बैठक के दौरान AWC Daily Monitoring की समीक्षा भी की गई। डीडीसी ने निर्देश दिया कि उन आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची तैयार की जाए, जो महीने में 20 दिनों से कम खुले रहते हैं। इस सूची के आधार पर आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी, ताकि लाभुकों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके।
सेविका एवं सहायिका रिक्तियों को शीघ्र भरने का आदेश
सेविका एवं सहायिका रिक्तियों की समीक्षा करते हुए डीडीसी ने कहा कि सभी रिक्त पदों को शीघ्र भरने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। संबंधित प्रतिवेदन 25 अगस्त 2025 तक जिला कार्यालय में उपलब्ध कराए जाएं, ताकि मानव संसाधन की कमी से योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई बाधा न हो।
गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष जोर
उप विकास आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि सभी योजनाओं का कार्यान्वयन न केवल समयबद्ध बल्कि गुणवत्तापूर्ण भी होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही या देरी को गंभीरता से लिया जाएगा। उनका कहना था कि समाज कल्याण विभाग की योजनाएं सीधे तौर पर महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों के जीवन पर असर डालती हैं, इसलिए किसी भी स्तर पर लापरवाही अस्वीकार्य है।
बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अल्का हेंब्रम, सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका एवं अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।