
रांची। झारखंड के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, धनबाद के पूर्व सांसद एवं विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे का दिल्ली में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और राजधानी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनके निधन की खबर फैलते ही कांग्रेस पार्टी सहित राज्य की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे पार्टी और राज्य के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया।
ददई दुबे बिहार और झारखंड की राजनीति के एक जमीनी नेता माने जाते थे। वे सांसद और विधायक रहने के साथ-साथ राज्य सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुके थे। उनका राजनीतिक जीवन सामाजिक न्याय, श्रमिक अधिकारों और औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े जनहित के मुद्दों को लेकर समर्पित रहा।
विश्रामपुर के विधायक रहते हुए उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कीं। उनकी सादगी, स्पष्ट विचार और जनसेवा की भावना ने उन्हें आम जनता के बीच अत्यंत लोकप्रिय बना दिया था। उन्हें खास तौर पर कोयला क्षेत्र के मजदूरों और गरीब तबके की सशक्त आवाज के रूप में जाना जाता था।
अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने संगठनात्मक अनुशासन, न्याय और जनसेवा को सर्वोपरि रखा। उनकी ईमानदार छवि और मेहनती स्वभाव ने उन्हें हर वर्ग के बीच सम्मानित स्थान दिलाया।
उनके निधन से झारखंड की राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में एक खालीपन आ गया है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है।