स्थानीय ग्रामीणों ने मनरेगा योजना में धांधली का लगाया आरोप, जांच की मांग
बरहरवा (बोरियों प्रखंड):
खैरवा पंचायत अंतर्गत मुर्गाबनी बारी टोला के ग्रामीणों ने मनरेगा के तहत अब तक जॉब कार्ड नहीं बनने पर गुरुवार को गांव में जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकारी योजना से उन्हें जानबूझकर वंचित रखा गया है।

जोहन सोरेन, दशमत बासकी, दनगी बासकी, दुलड़ हांसदा, तेरेसा हांसदा, चितो किस्कू, मंझियन टुडू, बड़की मुर्मू, जासी बेसरा, सकल मुर्मू, सोना मुनी टुडू सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि उनके परिवारों का अब तक जॉब कार्ड नहीं बनाया गया है। करीब 12 घरों में 100 लोग रहते हैं, लेकिन मनरेगा का लाभ किसी को नहीं मिल रहा।
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत के मुखिया, पंचायत सेवक और रोजगार सेवक की मिलीभगत से जानबूझकर उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। आरोप लगाया गया कि गांव में हो रहे मनरेगा कार्यों में स्थानीय मजदूरों को काम न देकर बाहरी लोगों से काम कराया जा रहा है, जो नियमों के विरुद्ध है।
क्या है जॉब कार्ड?
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत प्रत्येक परिवार को एक जॉब कार्ड जारी किया जाता है। यह कार्ड उस परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिन का गारंटीकृत रोजगार प्रदान करने का अधिकार देता है। यह सरकारी पारदर्शिता और ग्रामीणों के आर्थिक सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण साधन माना जाता है।
बीपीओ ने दिया जांच का आश्वासन
मनरेगा के बीपीओ अखिलेश कुमार ने कहा कि यदि खैरवा पंचायत के मुर्गाबनी गांव में जॉब कार्ड नहीं बनाए गए हैं, तो यह गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत की जांच की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों ने यह भी मांग की कि जॉब कार्ड पंचायत भवन में ही बनाए जाएं और प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए।