“रोड नहीं तो वोट नहीं” का नारा फिर हो रहा बुलंद
प्रेम कुमार साहू, घाघरा (गुमला)
घाघरा प्रखंड अंतर्गत पोड़ीसरना मोड़ से जिलिंगसिरा गांव को जोड़ने वाली कच्ची सड़क हालिया बारिश के चलते पूरी तरह बह गई है। इसके चलते गांव का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। यह स्थिति न केवल ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गई है, बल्कि कई जरूरी सेवाओं से भी उन्हें वंचित कर रही है।
संबंधित पंचायत आदर की मुखिया यशमुनि कुमारी ने जानकारी दी कि जिलिंगसिरा गांव में कुल 110 घर हैं, और लगभग 900 की आबादी यहां निवास करती है। यह गांव पहाड़ी के तलहटी में बसा है और इसके आगे कोई अन्य गांव नहीं है, जिससे वैकल्पिक मार्ग की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
ग्रामीणों के अनुसार, लोग जान जोखिम में डालकर किसी तरह पैदल और पानी के रास्ते पार कर रहे हैं। मगर बाइक, कार या किसी अन्य भारी वाहन के लिए आवाजाही पूरी तरह असंभव हो चुकी है। यह सड़क लंबे समय से पक्की सड़क की मांग कर रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल प्रशासन या जनप्रतिनिधियों द्वारा नहीं की गई है।
गौरतलब है कि पूर्व विधानसभा चुनाव के दौरान ग्रामीणों ने “रोड नहीं तो वोट नहीं” का नारा देते हुए मतदान बहिष्कार की चेतावनी दी थी। हालांकि, अधिकारियों के आश्वासन के बाद उन्होंने मतदान में हिस्सा लिया और अपने कर्तव्य का पालन किया। लेकिन प्रशासन द्वारा वादाखिलाफी किए जाने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं होने से न केवल उनका जनजीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि किसी भी आपात स्थिति में स्वास्थ्य, शिक्षा और खाद्यान्न जैसी जरूरी सेवाएं भी ठप पड़ जाती हैं।
अब जबकि बारिश के चलते सड़क पूरी तरह बह चुकी है, ग्रामीणों की चिंता और मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं। वे एक बार फिर प्रशासन से पक्की सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि अगर जल्द कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आगामी चुनाव में वे सख्त निर्णय लेने को बाध्य होंगे।