
संवाददाता: अनुज तिवारी
पलामू। सदर प्रखंड अंतर्गत एनएच-39 से राजहरा स्थित पावर ग्रिड की ओर जाने वाली मलय नदी पर बनी पुलिया वर्षों से क्षतिग्रस्त स्थिति में थी, लेकिन पहली ही बारिश में तेज बहाव के कारण इसकी एक बड़ी हिस्सेदारी बह गई। यह पुलिया लहलहे, राजहरा, किशुनपुर और भोगू जैसे कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों के आवागमन का एकमात्र साधन है।
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिया की हालत लंबे समय से खराब थी, लेकिन संबंधित विभाग या प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब जबकि मानसून की शुरुआत हो चुकी है और बारिश ने पुलिया को और खतरनाक बना दिया है, फिर भी कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।
सबसे चिंता की बात यह है कि इसी रास्ते से प्रतिदिन पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के अधिकारी भी गुजरते हैं। यह देश की प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जो बिजली के उत्पादन केन्द्रों से उपभोक्ताओं तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने वाले ट्रांसमिशन नेटवर्क का संचालन करती है। इतनी महत्वपूर्ण कंपनी के अधिकारियों का इस मार्ग से आना-जाना होता है, फिर भी इस पुलिया की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया जाना कई सवाल खड़े करता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही पुलिया की मरम्मत नहीं की जाती है, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
ग्रामीणों की मांग:
- पुलिया की तत्काल मरम्मत या पुनर्निर्माण
- वैकल्पिक आवागमन व्यवस्था जब तक मरम्मत कार्य पूरा नहीं होता
- पावरग्रिड और जिला प्रशासन की ओर से संयुक्त निरीक्षण
- क्या हादसे के बाद ही होगी नींद खुलने की प्रतीक्षा?