
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन कर हालात बिगाड़ने की कोशिश की गई है। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ नजर आ रहा है। इसी बौखलाहट में उसने शुक्रवार देर रात जम्मू और कश्मीर के एलओसी से सटे पांच जिलों – कुपवाड़ा, बारामुला, पुंछ, राजौरी, और मेंढर – में अकारण गोलीबारी की।
भारतीय सेना ने पूरी तत्परता के साथ जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। रक्षा मंत्रालय के जम्मू स्थित प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि 3 और 4 मई की मध्यरात्रि को पाकिस्तान की सेना ने बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना पूरी सतर्कता के साथ निगरानी कर रही है और हर दुस्साहस का जवाब दे रही है।
गनीमत रही कि इस गोलीबारी में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। हालांकि, सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रात के सन्नाटे में गोलियों की आवाज ने एक बार फिर पुराने जख्मों की याद दिला दी। पाकिस्तान की यह रणनीति रात के अंधेरे में फायरिंग कर आतंकियों की घुसपैठ कराने की मंशा को भी दर्शाती है। भारतीय खुफिया एजेंसियों और सेना को इस बात की पूरी आशंका है, इसी कारण एलओसी के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर भी सुरक्षा चाकचौबंद कर दी गई है।
पाकिस्तान की नापाक हरकतें अब केवल नियंत्रण रेखा तक ही सीमित नहीं रहीं, बल्कि यह तनाव अंतरराष्ट्रीय सीमा तक फैल गया है। जम्मू के अखनूर, सुंदरबनी, नौशेरा और कानाचक्क जैसे क्षेत्रों में भी सेना को अलर्ट पर रखा गया है। इन इलाकों में बसे लोगों को भी सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
गौरतलब है कि हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान पर कई आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसके चलते उसकी स्थिति अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कमजोर हुई है। यही कारण है कि पाकिस्तान अब सीमाओं पर तनाव फैलाकर भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।
सीमा से सटे क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी अब पहले से ज्यादा जागरूक और तैयार हैं। अधिकांश सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोग या तो सेवारत सैनिक हैं या फिर सेवानिवृत्त सुरक्षा बल कर्मी। जम्मू के कानाचक्क क्षेत्र के रहने वाले सेवानिवृत्त सीमा प्रहरी जीएस जम्वाल ने बताया कि “हमने अपने बंकरों की सफाई कर ली है और पर्याप्त राशन जमा कर लिया है। हमें अच्छे से पता है कि पाकिस्तान किस तरह से हालात बिगाड़ता है, और हम उसके लिए तैयार हैं।”
भारतीय सेना की मुस्तैदी और स्थानीय नागरिकों की सतर्कता यह साफ संकेत देती है कि पाकिस्तान की कोई भी चाल अब सीमाओं पर सफल नहीं हो पाएगी। सेना के वरिष्ठ अधिकारी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और खुफिया एजेंसियां हर गतिविधि को बारीकी से मॉनिटर कर रही हैं।
समाप्ति में यही कहा जा सकता है कि पाकिस्तान की ओर से बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन करना उसकी हताशा को दर्शाता है। भारतीय सेना हर स्थिति से निपटने में सक्षम है और देश की सीमाओं की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग और सेना मिलकर हर चुनौती का डटकर सामना कर रहे हैं।