रिपोर्ट: प्रेम कुमार साहू, घाघरा,
गुमला:-घाघरा थाना क्षेत्र के कुगांव गांव में बीते दिनों एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां गांव के वृद्ध भिखुवा उरांव की तालाब में डूबने से मौत हो गई। यह घटना उस वक्त और भी अधिक दुखद बन गई जब लगातार 72 घंटे बीत जाने के बाद भी उनका शव तालाब से बरामद नहीं हो सका। परिजनों और ग्रामीणों में गम और चिंता का माहौल बना रहा।
स्थानीय प्रशासन द्वारा लगातार दो दिनों तक नाव और जाल की मदद से शव को ढूंढने की कोशिश की गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इस बीच, घाघरा थाना प्रभारी पुनीत मिंज ने घटना की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) को मेल के माध्यम से सूचना दी और मदद की गुहार लगाई।
सूचना मिलते ही शनिवार सुबह एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। टीम के साथ गुमला के वीडियो दिनेश कुमार, अंचल अधिकारी आशीष मंडल, और थाना प्रभारी पुनीत मिंज भी घटनास्थल पर मौजूद रहे।
तालाब की गहराई और स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ ने विशेष रणनीति के तहत सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ के दो कुशल गोताखोर—विकास और गुंजन—ने तालाब में गहराई तक जाकर तलाश की। अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और डूबे हुए वृद्ध भिखुवा उरांव का शव तालाब से बाहर निकाल लिया गया।
शव की स्थिति देखकर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। गांव में शोक की लहर दौड़ गई और हर किसी की आंखें नम हो गईं। शव मिलने के बाद पुलिस ने उसे अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गुमला भेज दिया है।
थाना प्रभारी ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन की ओर से समय पर एनडीआरएफ को बुलाने के निर्णय की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अगर पहले दिन ही एनडीआरएफ को बुला लिया जाता तो शायद शव जल्दी मिल जाता और परिजनों को इस मानसिक पीड़ा से राहत मिलती।
घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है। भिखुवा उरांव अपने सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे और गांव में हर किसी के प्रिय थे। उनके निधन से गांव ने एक अनुभवी और समझदार बुजुर्ग को खो दिया है।