
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज इलाके में हालात अभी भी बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। इलाके में लंबे समय से चल रहे तनाव के बीच अब हालात हिंसक मोड़ ले चुके हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की साउथ बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी और पीआरओ नीलोत्पल कुमार पांडे ने पुष्टि की है कि बीएसएफ की टीम पर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला किया गया। उन्होंने इसे एक सुनियोजित हमला करार देते हुए बताया कि हमला करने वाले वही तत्व हैं जो पिछले कुछ समय से इलाके में जानबूझकर तनाव पैदा कर रहे हैं।
डीआईजी पांडे ने कहा, “हमारी पार्टी पर जैसे युद्ध छिड़ गया हो, वैसे बम और पत्थर बरसाए गए।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह हमला बेहद खतरनाक था और इसका मकसद सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाना था। हालांकि, सौभाग्यवश इस हमले में कोई जवान गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इतनी भारी पत्थरबाज़ी के बीच हल्की-फुल्की चोटें लगना स्वाभाविक है, लेकिन किसी की जान को खतरा नहीं हुआ।

बीएसएफ ने बताया कि स्थिति को काबू में लाने के लिए तुरंत अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। साथ ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर हालात को सामान्य करने की कोशिशें लगातार जारी हैं। सुरक्षा बलों की सक्रियता के चलते फिलहाल स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है, लेकिन तनाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।
शमशेरगंज इलाका पहले भी कई बार अवैध गतिविधियों और सीमा पार से तस्करी जैसी घटनाओं को लेकर चर्चा में रहा है। बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार, कुछ असामाजिक तत्व इलाके में दहशत फैलाने के लिए इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं ताकि उनकी अवैध गतिविधियों पर सुरक्षा बलों का ध्यान न जाए।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और अफवाहों से बचने की सलाह दी है। क्षेत्र में इंटरनेट सेवा पर भी निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी भी तरह की गलत सूचना या भड़काऊ संदेश वायरल न हो सके। पुलिस ने अब तक इस हमले के सिलसिले में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
डीआईजी पांडे ने यह भी कहा कि बीएसएफ अपने जवानों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और आगे भी इस तरह के किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है और वे किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
इस पूरी घटना ने एक बार फिर सीमा से लगे इलाकों की सुरक्षा और वहां की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले दिनों में प्रशासन की यह सबसे बड़ी चुनौती होगी कि वह शांति बहाल करते हुए लोगों का विश्वास वापस हासिल करे। फिलहाल, इलाके में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्थिति पर नजर रखी जा रही है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह चौकस है।