लातेहार:- बालूमाथ प्रखंड के अम्बेडकरनगर और रजवार गांव में अंबेडकर जयंती के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लातेहार जिला परिषद की उपाध्यक्ष अनीता देवी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेकर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और बच्चों के बीच प्रेरणादायक पुस्तकों का वितरण कर उन्हें शिक्षा के महत्व को समझाया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनीता देवी ने कहा कि बाबा साहब आधुनिक समतामूलक भारतीय समाज के निर्माता थे। उन्होंने न केवल संविधान निर्माण में अहम भूमिका निभाई, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों की स्थापना के लिए भी आजीवन संघर्ष किया।
उन्होंने बताया कि डॉ. अंबेडकर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे — वे भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, लेखक और समाज सुधारक के रूप में प्रसिद्ध हुए। उन्होंने श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों की पुरजोर वकालत की। वह स्वतंत्र भारत के पहले विधि एवं न्याय मंत्री थे और भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार भी।
डॉ. अंबेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त कीं और उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र व राजनीति विज्ञान में गहन शोध कार्य किया। समाज में व्याप्त जातिवाद, छुआछूत और अन्य सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध उन्होंने सशक्त आवाज़ उठाई और लाखों लोगों को जागरूक किया।
अनीता देवी ने कहा कि अंबेडकर ने कहा था — “हमें अपना रास्ता स्वयं बनाना होगा। केवल राजनीतिक शक्ति शोषितों की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती, उनका उद्धार समाज में उनका उचित स्थान पाने से ही संभव है।” उन्होंने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे बड़ा साधन बताया और हमेशा यह प्रेरणा दी कि हर व्यक्ति को शिक्षित होना चाहिए और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाना चाहिए।
आज जब देश जातीय भेदभाव, सामाजिक असमानता और आर्थिक विषमता जैसी समस्याओं से जूझ रहा है, तब अंबेडकर के विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। उनका सामाजिक लोकतंत्र का सपना केवल राजनीतिक स्वतंत्रता तक सीमित नहीं था, बल्कि हर व्यक्ति को गरिमा, समान अवसर और न्याय की गारंटी देता था।
कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों, महिलाओं और युवाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। बच्चों ने भी अंबेडकर के जीवन और उनके आदर्शों पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे माहौल प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद बना रहा।
अनीता देवी ने कहा कि अंबेडकर की विचारधारा आज के युवाओं के लिए एक मजबूत मार्गदर्शक है, जो उन्हें अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने की ताक़त देती है। उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि शिक्षा, आत्म-सम्मान और संघर्ष से कोई भी सामाजिक बदलाव संभव है।