
आज से प्रारंभ हुआ चैत्र नवरात्र, मां शैलपुत्री की होगी पूजा
देशभर में भक्तिभाव से चैत्र नवरात्र 2025 की शुरुआत हो गई है। यह नौ दिवसीय पर्व देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना का पर्व है। इस वर्ष नवरात्र का पहला दिन विशेष संयोग लेकर आया है, जिसमें भक्तजन श्रद्धा और आस्था के साथ मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है, जिससे पूरे नौ दिनों तक घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्र के पहले दिन भक्त दिनभर किसी भी समय कलश स्थापना कर सकते हैं। हालांकि, शास्त्रों के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना विशेष शुभ माना जाता है। इस वर्ष सुबह 11:36 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा, जिसमें कलश स्थापना करना अत्यंत शुभ माना गया है।
कलश स्थापना की विधि
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजन स्थल को शुद्ध करें।
- मिट्टी के पात्र में जौ बोएं और उसके ऊपर तांबे, पीतल या मिट्टी का कलश स्थापित करें।
- कलश में गंगाजल, सुपारी, सिक्का और आम के पत्ते डालें।
- कलश के मुख पर नारियल रखें और लाल वस्त्र से लपेटें।
- देवी दुर्गा का आह्वान करते हुए कलश स्थापना करें और दीप जलाएं।
- मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र के समक्ष विधिवत पूजा-अर्चना करें।
नवरात्रि का धार्मिक महत्व
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन माँ शैलपुत्री की आराधना का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं और वे अपने भक्तों को धैर्य, संयम और शक्ति प्रदान करती हैं।
शहर के मंदिरों में विशेष तैयारियाँ
चैत्र नवरात्रि और रामनवमी को लेकर शहर के प्रमुख मंदिरों में विशेष तैयारियाँ की गई हैं। सर्जना चौक स्थित राम मंदिर, तपोवन मंदिर, चुटिया का प्राचीन राम मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। चुटिया में इस अवसर पर अखंड पाठ और हवन का आयोजन भी किया गया है।
छह अप्रैल को होगा नवरात्रि का समापन
चैत्र नवरात्र का समापन 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी के साथ होगा। इस दिन भक्तजनों द्वारा कन्या पूजन और हवन कर माँ दुर्गा की पूजा की जाती है। रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
नवरात्रि के इस पावन अवसर पर श्रद्धालु उपवास रखते हुए माँ दुर्गा की आराधना करेंगे और नौ दिनों तक भक्ति भाव से भजन-कीर्तन एवं पूजा-अर्चना करेंगे। पूरे देश में नवरात्रि के पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारियाँ जोरों पर हैं, जिससे चारों ओर आध्यात्मिक और भक्तिमय वातावरण बना हुआ है।