
झारखंड ब्यूरो हेड
यशवंत कुमार गौरव,
रांची, 19 मार्च 2025: सदर अस्पताल, रांची में बुधवार को एक जटिल एवं दुर्लभ स्पाइन सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। इस सर्जरी के माध्यम से 34 वर्षीय मरीज, जो पिछले नौ महीनों से दोनों पैरों में अत्यधिक दर्द और झनझनाहट के कारण चलने-फिरने में असमर्थ था,
मरीज, जो रांची के चुटिया क्षेत्र का निवासी है, कई सरकारी और निजी अस्पतालों में उपचार के लिए गया, लेकिन कहीं भी उसका ऑपरेशन नहीं हो सका। निजी अस्पतालों ने ऑपरेशन का खर्च चार से पांच लाख रुपये बताया, जो उसके लिए वहन करना कठिन था। इसी दौरान मरीज ने सदर अस्पताल, रांची में उपलब्ध मेडिकल सुविधाओं के बारे में अखबार में पढ़ा और वहां इलाज के लिए पहुंचा।
जटिल सर्जरी से मिली राहत
डॉक्टरों के अनुसार, मरीज की समस्या उसकी रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) में आई गंभीर क्षति थी। उसकी कमर में रीढ़ की दो वर्टीब्रा (Vertebra) के बीच की डिस्क बाहर निकल चुकी थी और अपनी जगह से खिसक गई थी। यह स्थिति उसके लगातार दर्द और चलने में असमर्थता का कारण बन रही थी।
डॉक्टरों की टीम ने अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए सफल सर्जरी की। ऑपरेशन के दौरान पूरी डिस्क को निकाल दिया गया (Complete Discectomy) और उसकी जगह टाइटेनियम का TLIF (Transforaminal Lumbar Interbody Fusion) लगाया गया। इसके अतिरिक्त, मरीज की रीढ़ की हड्डी को स्थिर करने के लिए छह स्क्रू और दो रॉड्स (ROD) लगाई गईं।
सर्जरी के तुरंत बाद मरीज को होश में आने पर काफी राहत महसूस हुई और वह पहले से बेहतर स्थिति में था। डॉक्टरों का कहना है कि सर्जरी के बाद मरीज जल्द ही पूरी तरह से सामान्य जीवन जी सकेगा।
डॉक्टरों की टीम ने किया असाधारण कार्य
यह जटिल ऑपरेशन डॉ. अशोक मुंडा के नेतृत्व में न्यूरोसर्जरी टीम द्वारा किया गया। ऑपरेशन के दौरान डॉ. वसुधा गुप्ता ने एनेस्थीसिया दिया, जबकि डॉ. विकास बल्लभ ने सहयोग प्रदान किया। इस महत्वपूर्ण सर्जरी के दौरान सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार भी ऑपरेशन थिएटर में मौजूद रहे और उन्होंने पूरी टीम को प्रोत्साहित किया।
डॉ. अशोक मुंडा ने कहा कि इस तरह की सर्जरी आमतौर पर बड़े अस्पतालों में की जाती है, लेकिन सदर अस्पताल, रांची में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों के प्रयास से यह ऑपरेशन संभव हो सका।
मरीज ने जताया आभार
सर्जरी के बाद मरीज और उसके परिजनों ने सदर अस्पताल और डॉक्टरों की टीम का आभार जताया। मरीज ने कहा कि वह लंबे समय से इस दर्द से परेशान था और महंगे इलाज के कारण ऑपरेशन नहीं करवा पा रहा था, लेकिन सदर अस्पताल में निःशुल्क इलाज पाकर उसे नया जीवन मिला।