
लातेहार: मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना के तहत जिले में कई फर्जी लाभुकों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान कई योग्य महिलाओं को भी योजना की राशि से वंचित कर दिया गया, जिससे उनके बीच आक्रोश व्याप्त हो गया है। इसी नाराजगी के कारण जिले की बड़ी संख्या में महिलाएं मंगलवार को प्रखंड कार्यालय पहुंच गईं और वहां हंगामा किया।
तीन माह की राशि भेजी गई, लेकिन नए साल में भुगतान नहीं
अब तक जिले के 96,281 लाभुकों को तीन माह की राशि उनके बैंक खातों में भेजी जा चुकी है। दिसंबर माह की राशि मिलने के बाद जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 की राशि अब तक प्राप्त नहीं होने से महिलाओं में असंतोष है। राज्य सरकार ने पूरे झारखंड में इन तीन महीनों की राशि एकमुश्त 7,500 रुपये के रूप में भेजी है, लेकिन लातेहार जिले की कई योग्य महिलाएं इस लाभ से वंचित हैं।
योग्य लाभुकों को नहीं मिला भुगतान
सदर प्रखंड की नजरुन बीबी, मीना देवी, मुन्नी देवी, जबीन खातून, लक्ष्मी कुमारी, मालती देवी और जगबानी देवी का कहना है कि उन्होंने योजना का आवेदन समय पर जमा किया था। उनके फार्म का रजिस्ट्रेशन भी हुआ और दिसंबर तक सरकार ने योजना की राशि दी। लेकिन इस साल जनवरी से मार्च तक की राशि उनके खाते में नहीं आई, जिससे उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बीडीओ ने दिया भरोसा, जल्द होगी राशि जारी
महिलाओं के विरोध के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) मनोज कुमार तिवारी ने हस्तक्षेप किया और आक्रोशित महिलाओं को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि जिले की सभी योग्य महिलाओं को मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना के तहत प्रत्येक माह की राशि दी जाएगी। लेकिन इस बार कुछ तकनीकी कारणों से भुगतान में विलंब हो रहा है।
बीडीओ ने महिलाओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि जल्द ही उनके खातों में योजना की राशि भेज दी जाएगी। उन्होंने सभी से धैर्य बनाए रखने की अपील की और बताया कि प्रशासन इस समस्या को हल करने के लिए प्रयासरत है।
महिलाओं में असंतोष, सरकार से जल्द समाधान की मांग
हालांकि, कई महिलाओं का कहना है कि अगर उनकी समस्या जल्द हल नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगी। उनका कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द योग्य लाभुकों की सूची को पुनः जांचकर उनके खातों में राशि भेजनी चाहिए, ताकि वे आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस कर सकें।
सरकार की इस योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, लेकिन तकनीकी कारणों से हो रही देरी से इसका प्रभाव कम हो रहा है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि इस समस्या को जल्द से जल्द हल कर लिया जाएगा, ताकि सभी पात्र लाभुकों को उनका हक मिल सके।