
(रिपोर्ट: बरहरवा संवाददाता)
बरहरवा, 7 मार्च – मॉडल कॉलेज (मुरली) में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रणजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में महिलाओं के अधिकारों, समाज में उनकी भूमिका और आर्थिक स्वतंत्रता पर विचार-विमर्श किया गया।
महिलाओं की समानता और सशक्तिकरण पर जोर
प्राचार्य डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं की आबादी समाज में पुरुषों के बराबर है, इसलिए उन्हें उनके अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता। उन्होंने महिलाओं की उपयोगिता और समाज में उनकी भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अब महिलाएं अबला नहीं बल्कि सबला बन चुकी हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सफलता का परचम लहरा रही हैं।
महिलाओं की पीड़ा और संघर्ष पर चर्चा
हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. अमित कुमार ने महिलाओं के संघर्ष और उनके ऐतिहासिक पीड़ा को रेखांकित किया। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों, उनके दुख-दर्द और सामाजिक भेदभाव पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि महिलाओं की आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण के बिना समाज का पूर्ण विकास संभव नहीं है।
सहायक प्राध्यापक डॉ. रमजान अली ने आर्थिक स्वतंत्रता और महिला प्रतिनिधित्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तभी समाज में वास्तविक समानता स्थापित हो सकेगी। उन्होंने समाज में महिलाओं की भूमिका को मजबूती से स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
छात्रा बबीता कुमारी की प्रेरणादायक कहानी
कार्यक्रम में छात्रा बबीता कुमारी ने अपने संघर्ष की कहानी साझा की। उन्होंने कहा, “मैं पढ़ाई कर रही हूं क्योंकि मेरी इच्छा शक्ति और आत्मविश्वास ने मुझे संघर्ष करने की प्रेरणा दी है। बहू होने के कारण समाज को मेरा पढ़ाई करना और साइकिल चलाना पसंद नहीं था। कुछ लोगों ने ताने भी मारे, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। आज मैं मॉडल कॉलेज से स्नातक कर रही हूं और साथ ही अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रही हूं।” उनकी कहानी ने उपस्थित सभी छात्राओं को प्रेरणा दी।
समाज में बदलाव की जरूरत
कार्यक्रम में उपस्थित डॉ. अरविंद कुमार पांडेय, डॉ. विवेक महतो सहित अन्य शिक्षकों और कर्मियों ने भी अपने विचार साझा किए। सभी ने महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और समाज में उनकी भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम
इस विचार गोष्ठी में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और महिलाओं के अधिकारों, शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर गंभीर चर्चा की। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में महिलाओं के प्रति सोच में बदलाव लाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रेरित करना था।