रांची: आमतौर पर अदालतों में लंबित मामलों की वजह से न्याय मिलने में सालों लग जाते हैं, लेकिन रांची सिविल कोर्ट ने महज 9 दिनों में ट्रायल पूरा कर फैसला सुनाकर एक मिसाल पेश की है। यह मामला जगरनाथपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा था, जिसमें रमजान अंसारी ने जाकिर खान, शाकिर खान और शहीद खान पर हत्या की नीयत से हमला करने का आरोप लगाया था।
मामले का संक्षिप्त विवरण
रमजान अंसारी ने तीनों आरोपियों के खिलाफ जगरनाथपुर थाना में कांड संख्या 237/2024 के तहत केस दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच पूरी कर दिसंबर 2024 में मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद 19 फरवरी 2025 को यह केस मजिस्ट्रेट कोर्ट से ट्रायल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया।
अगले ही दिन यानी 20 फरवरी को कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 341, 323, 325, 307, 504 और 34 के तहत चार्जफ्रेम किया। इसके बाद इस केस की सुनवाई अपर न्याययुक्त 13 देवाशीष महापत्रा की अदालत में शुरू हुई।
न्यायिक प्रक्रिया और फैसला
कोर्ट ने त्वरित सुनवाई करते हुए सभी गवाहों और सबूतों को ध्यान में रखते हुए महज 9 दिनों के भीतर ट्रायल पूरा कर दिया।
इस दौरान बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रितांशु सिंह ने पैरवी की। सुनवाई के दौरान साक्ष्य के अभाव में तीनों आरोपियों को बरी कर दिया गया।
तेजी से न्याय दिलाने की मिसाल
रांची सिविल कोर्ट का यह फैसला तेजी से न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। आमतौर पर अदालतों में मुकदमों की सुनवाई में वर्षों लग जाते हैं, लेकिन इस फैसले ने यह संदेश दिया है कि अब न्यायिक प्रक्रिया में देरी की परंपरा को तोड़ा जा रहा है।
न्यायपालिका में सुधार का संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के त्वरित फैसले न्यायपालिका में सुधार और लोगों के विश्वास को मजबूत करने में मदद करेंगे। यदि इसी तरह अन्य मामलों में भी तेजी लाई जाए, तो न्याय प्रणाली में सुधार और न्यायिक प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता बढ़ेगी।