
लातेहार: जिले में स्थित प्राचीन देवी मंडप सह काली मंदिर के 13वें वार्षिकोत्सव का शुभारंभ 1 मार्च को भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भाग लिया। मंदिर परिसर से प्रारंभ हुई कलश यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए औरंगा नदी छठ घाट पहुंची, जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच जल भराई की रस्म पूरी की गई।
कलश यात्रा का भव्य आयोजन
कलश यात्रा की शुरुआत मंदिर परिसर से हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यह यात्रा मुख्य पथ, मानस पथ, काली मंदिर मोड़, बाइपास चौक होते हुए चटनाही स्थित औरंगा नदी छठ घाट पहुंची। यहां श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक जल भराई की। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच अनिल मिश्रा ने मंत्रों का उच्चारण कर जल भराई की प्रक्रिया संपन्न करवाई।
इस आयोजन में मुख्य यजमान के रूप में सागर कुमार अपनी पत्नी के साथ उपस्थित रहे। जल भराई के बाद कलश यात्रा पुनः बाइपास चौक, थाना चौक होते हुए मंदिर परिसर लौटी, जहां कलशों की स्थापना कर पूजा-अर्चना प्रारंभ की गई।
सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति
इस धार्मिक आयोजन में नगर के कई गणमान्य व्यक्ति और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इनमें पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम, पूर्व जिला 20 सूत्री उपाध्यक्ष राजधनी प्रसाद यादव, निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष सीतामनी तिर्की, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सुशील कुमार अग्रवाल, त्रिभुवन पांडेय, निर्मल कुमार महलका, मुरारी प्रसाद, विपिन ठाकुर, राधेश्याम ठाकुर, रितेश कुमार निक्कू, उमेश पांडेय, अंकित पांडेय और जया कुमारी समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
वार्षिकोत्सव के मुख्य कार्यक्रम
मंदिर समिति के अध्यक्ष निर्मल कुमार महलका ने जानकारी दी कि वार्षिकोत्सव के अंतर्गत 2 मार्च को पूर्वाह्न 11 बजे नौ कन्या पूजन का आयोजन किया जाएगा। इसके उपरांत भंडारे का आयोजन होगा, जिसमें नगरवासी माता का प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे।
उन्होंने श्रद्धालुओं से अधिक संख्या में भंडारे में भाग लेने और माता का आशीर्वाद प्राप्त करने की अपील की।
महाआरती और समापन समारोह
वार्षिकोत्सव के अंतिम चरण में 2 मार्च को संध्या 6 बजे भव्य महाआरती का आयोजन होगा, जिसके पश्चात वार्षिकोत्सव का समापन किया जाएगा।
इस आयोजन में नगरवासियों का अपूर्व सहयोग मिल रहा है, जिससे मंदिर समिति भी अत्यंत प्रसन्न है। श्रद्धालुओं ने पूरे श्रद्धाभाव से माता के चरणों में आस्था और भक्ति अर्पित कर इस धार्मिक आयोजन को भव्यता प्रदान की।
अध्यात्म और संस्कृति के इस आयोजन ने नगर में भक्ति का माहौल बना दिया, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति देखने को मिली।