एसएलआरएम प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ:झारखंड के पहले जिले के रूप में लातेहार ने रचा इतिहास

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एसएलआरएम प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ:झारखंड के पहले जिले के रूप में लातेहार ने रचा इतिहास

मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने किया उद्घाटन, सरकार ने दी पूर्ण सहयोग की गारंटी

लातेहार जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम) कार्यक्रम के 10 दिवसीय आवासीय जलसहिया / मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के माननीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि लातेहार झारखंड का पहला जिला होगा, जहां एसएलआरएम कार्यक्रम को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई।

विशिष्ट अतिथियों का सम्मान एवं कार्यक्रम का शुभारंभ

टाउन हॉल, लातेहार में आयोजित इस कार्यक्रम में विभाग के प्रधान सचिव मस्त राम मीणा, स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक डॉ. नेहा अरोड़ा, भारतीय हरित सेवा के परियोजना निदेशक एवं सलाहकार श्री सी. श्रीनिवासन सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत पौधा भेंट कर किया गया। इसके बाद मंत्री योगेंद्र प्रसाद, डॉ. नेहा अरोड़ा, श्री सी. श्रीनिवासन एवं उपायुक्त लातेहार उत्कर्ष गुप्ता द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर प्रशिक्षण कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त ने मंत्री को स्मृति चिन्ह एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया।

पर्यावरण संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन पर जोर

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पर्यावरण विशेषज्ञ श्री सी. श्रीनिवासन ने अपशिष्ट प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस तरह उद्यान अपशिष्ट, मछली बाजार अपशिष्ट, सब्जी अपशिष्ट आदि का प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक पृथक्करण किया जाता है।

प्रधान सचिव मस्त राम मीणा ने अपने संबोधन में कहा कि ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन को अपनाना आज की महती आवश्यकता है। उन्होंने झारखंड को हरित और स्वच्छ बनाने के लक्ष्य पर बल दिया।

स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक डॉ. नेहा अरोड़ा ने कहा कि लातेहार जिला पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और जिले को स्वच्छता के मानकों पर “5-स्टार जिला” बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प व्यक्त किया।

लातेहार को शून्य-अपशिष्ट जिला बनाने का लक्ष्य

उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने जिले को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने बताया कि अपशिष्ट प्रबंधन के माध्यम से जिले में स्वच्छता को बढ़ावा दिया जाएगा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

230 जलसहिया और 60 SHG महिलाओं को प्रशिक्षण

इस 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 230 जलसहिया एवं नगर पंचायत की 60 SHG महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ये प्रशिक्षु मास्टर ट्रेनर के रूप में अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य लोगों को प्रशिक्षित करेंगे, जिससे यह कार्यक्रम जमीनी स्तर पर सफलतापूर्वक लागू हो सके।

एसएलआरएम प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ:झारखंड के पहले जिले के रूप में लातेहार ने रचा इतिहास

सम्माननीय अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस अवसर पर उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता, पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव, डिप्टी डायरेक्टर पीटीआर ब्रजेश कांत जेना, उप विकास आयुक्त सुरजीत कुमार सिंह, परियोजना निदेशक आईटीडीए प्रवीण कुमार गगरई, अपर समाहर्ता रामा रविदास, जिला परिवहन पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी अजय कुमार रजक, जिला आपूर्ति पदाधिकारी रश्मि लकड़ा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेम्ब्रम, उपनिवाचन पदाधिकारी मेरी मड़की, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. चंदन, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता दीपक महतो, गोपनीय पदाधिकारी श्रेयांस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

अगले 45-50 दिनों में फिर आएंगे मंत्री, प्रगति की करेंगे समीक्षा

मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने यह भी घोषणा की कि वे अगले 45-50 दिनों में पुनः लातेहार आएंगे और इस कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि एसएलआरएम कार्यक्रम से लातेहार जिले को स्वच्छ, सुंदर और हरित जिले के रूप में स्थापित किया जाएगा।

एसएलआरएम प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ:झारखंड के पहले जिले के रूप में लातेहार ने रचा इतिहास

एसएलआरएम कार्यक्रम के तहत अपशिष्ट प्रबंधन की वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने से लातेहार झारखंड का पहला स्वच्छ और हरित जिला बनने की दिशा में अग्रसर हो रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रशिक्षु जलसहिया एवं SHG महिलाएँ अपने क्षेत्रों में इस मिशन को सफलतापूर्वक लागू करेंगी और जिले को शून्य-अपशिष्ट एवं 5-स्टार जिला बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।

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