
पलामू जिले में 3764 फर्जी लाभार्थी चिन्हित, 2288 के नाम हटाए गए
झारखंड सरकार ने मैयां सम्मान योजना के फर्जी आवेदकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार के इस निर्णय से फर्जी लाभुकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भौतिक सत्यापन के दौरान पलामू जिले में 3764 महिलाएं फर्जी तरीके से योजना का लाभ लेती पाई गईं। इनमें से 2288 फर्जी लाभार्थियों को योजना के पोर्टल से हटाया जा चुका है, जबकि शेष 1476 लाभुकों को हटाने की प्रक्रिया जारी है।
सरकार ने स्पष्ट आदेश दिया है कि जिन लाभुकों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इस योजना का लाभ लिया है, उनसे पैसे की वसूली की जाएगी। अगर वे सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद पैसे नहीं लौटाते हैं, तो उनके खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
सभी जिलों में भौतिक सत्यापन जारी
मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना के तहत सभी जिलों में लाभुकों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। अब तक कुल 2,32,939 लाभार्थियों का सत्यापन किया गया, जिसमें से 3764 लाभुक फर्जी पाए गए। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जब सभी जिलों का भौतिक सत्यापन पूरा होगा, तो फर्जी आवेदकों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है।
सरकार की सख्त कार्रवाई और अगली योजना
झारखंड सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी फर्जी लाभुक को बख्शा नहीं जाएगा। योजना का लाभ केवल उन्हीं जरूरतमंदों को मिलेगा, जो वास्तव में इसके पात्र हैं। सरकार ने जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो जल्द से जल्द सभी फर्जी लाभार्थियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें।
राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि यदि कोई व्यक्ति सरकारी चेतावनी के बावजूद पैसे नहीं लौटाता है, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
झारखंड सरकार की यह कठोर कार्रवाई यह दर्शाती है कि वह भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। मईयां सम्मान योजना का लाभ केवल पात्र और जरूरतमंद महिलाओं को ही मिलेगा। सरकार का यह कदम पारदर्शिता और न्याय को बढ़ावा देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी योजनाओं का सही उपयोग हो।