मनरेगा: ग्रामीण रोजगार की गारंटी और श्रमिक सुरक्षा का सशक्त माध्यम

मनरेगा: ग्रामीण रोजगार की गारंटी और श्रमिक सुरक्षा का सशक्त माध्यम

Views: 48
0 0
Read Time:8 Minute, 12 Second
मनरेगा: ग्रामीण रोजगार की गारंटी और श्रमिक सुरक्षा का सशक्त माध्यम

(संवाददाता) | महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार को वर्ष में 100 दिन का अकुशल श्रम उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत टिकाऊ परिसंपत्तियों का निर्माण भी किया जाता है, जिससे ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास संभव हो सके।

मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाली भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है। यह योजना न केवल मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराती है, बल्कि जल संरक्षण, सड़क निर्माण, और अन्य ग्रामीण विकास कार्यों को भी बढ़ावा देती है। इसके तहत गरीब परिवारों को रोजगार का अधिकार मिला हुआ है, जिससे वे अपनी आजीविका को सुचारू रूप से चला सकते हैं।

रोजगार के लिए जॉब कार्ड अनिवार्य

मनरेगा के तहत रोजगार पाने के लिए परिवार के प्रत्येक 18 वर्ष से अधिक उम्र के सदस्य का जॉब कार्ड बनाना अनिवार्य है। यह जॉब कार्ड ग्राम पंचायत या प्रखंड कार्यालय से निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है। आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर यह जॉब कार्ड जारी कर दिया जाता है।

जॉब कार्ड मिलने के बाद परिवार न्यूनतम 14 दिन के कार्य की मांग कर सकता है। प्रशासन द्वारा 15 दिनों के भीतर कार्य उपलब्ध कराना अनिवार्य होता है। यदि नियत समय में रोजगार नहीं दिया जाता है, तो प्रभावित परिवार को बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को काम से वंचित न रहना पड़े और उनकी आजीविका सुरक्षित बनी रहे।

समय पर मजदूरी भुगतान की अनिवार्यता

मनरेगा के तहत कार्यरत मजदूरों को उनकी मजदूरी कार्य समाप्ति के 15 दिनों के भीतर भुगतान किया जाना अनिवार्य है। यदि भुगतान समय पर नहीं किया जाता, तो मजदूरों को उनकी मजदूरी के साथ-साथ विलंबित भुगतान की राशि भी प्रदान की जाती है। यह प्रावधान श्रमिकों के आर्थिक अधिकारों की रक्षा करने और सरकारी तंत्र को जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से लागू किया गया है।

योजनाओं का चयन और श्रमिकों की सुविधाएं

ग्राम सभा के माध्यम से कार्य योजनाओं का चयन किया जाता है, जिससे स्थानीय विकास की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। इसके अलावा, मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर कुछ मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना अनिवार्य है, जैसे:

  • चिकित्सा सहायता
  • पीने का पानी
  • छाया की व्यवस्था

ये सुविधाएं सुनिश्चित करती हैं कि मजदूर अनुकूल परिस्थितियों में काम कर सकें और उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

दुर्घटना और मृत्यु पर मुआवजा योजना

मनरेगा में कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए दुर्घटना या मृत्यु की स्थिति में उनके वैध उत्तराधिकारियों को अनुग्रह अनुदान राशि दी जाती है। इसके तहत विभिन्न स्थितियों में मुआवजा प्रदान किया जाता है:

  1. दुर्घटना में मृत्यु अथवा स्थायी विकलांगता (अंगभंग) होने पर – ₹2,00,000 (दो लाख रुपए)
  2. दुर्घटना में आंशिक रूप से विकलांग होने पर – ₹75,000 (पचहत्तर हजार रुपए)
  3. सामान्य मृत्यु होने पर – ₹1,00,000 (एक लाख रुपए)

यह प्रावधान उन मजदूरों के लिए सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है जो कठिन परिस्थितियों में श्रम करते हैं।

मनरेगा का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

मनरेगा योजना ने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने और आर्थिक स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं। मनरेगा के अंतर्गत होने वाले कार्यों में प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • जल संरक्षण परियोजनाएं
  • ग्राम संपर्क मार्गों का निर्माण
  • तालाब, कुएं एवं सिंचाई सुविधाओं का विकास
  • पशुपालन एवं कृषि संबंधी गतिविधियां

इन कार्यों से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार हुआ है और कृषि उत्पादकता को भी बढ़ावा मिला है।

मनरेगा की चुनौतियाँ और सुधार की संभावनाएँ

हालांकि, मनरेगा के क्रियान्वयन में कई चुनौतियां भी देखी गई हैं, जैसे:

  • मजदूरी भुगतान में देरी
  • भ्रष्टाचार और फर्जी जॉब कार्ड
  • श्रमिकों को समय पर कार्य न मिलना
  • परियोजनाओं की धीमी गति

इन चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा कई सुधार किए गए हैं, जैसे कि डिजिटल भुगतान प्रणाली को लागू करना, निगरानी तंत्र को मजबूत करना और जॉब कार्ड के सत्यापन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना।

सरकार की नई पहल और भविष्य की रणनीति

मनरेगा के प्रभाव को और अधिक व्यापक बनाने के लिए सरकार समय-समय पर नई नीतियां लागू कर रही है। हाल ही में, सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने के लिए मनरेगा के तहत नए कार्यों को जोड़ा है, जिससे श्रमिकों को अधिक लाभ मिल सके। इसके अलावा, महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे अधिक महिलाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।

मनरेगा योजना न केवल रोजगार गारंटी देने वाली योजना है, बल्कि यह ग्रामीण भारत के आर्थिक विकास का एक मजबूत स्तंभ भी बन चुकी है। इससे न केवल श्रमिकों को काम मिलता है, बल्कि गांवों का संपूर्ण विकास भी होता है। सरकार की नई पहलें और पारदर्शिता बढ़ाने के प्रयास इसे और अधिक प्रभावी बना सकते हैं। यदि सभी स्तरों पर सुचारू रूप से इसका क्रियान्वयन किया जाए, तो यह योजना भारत के गरीब वर्ग के लिए और अधिक लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

Loading

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

More From Author

लातेहार:जिले के पशुपालकों के लिए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की जानकारी

लातेहार:जिले के पशुपालकों के लिए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की जानकारी

सीता सोरेन की झामुमो में वापसी की अटकलें तेज, क्या फिर बदलेगी सियासी राह?

सीता सोरेन की झामुमो में वापसी की अटकलें तेज, क्या फिर बदलेगी सियासी राह?

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Web Stories

ताजा खबरें

local news

add

Post