अनूप कुमार की रिपोर्ट,
धुरकी(गढ़वा):- जिला के धुरकी प्रखंड मुख्यालय से आठ किलोमीटर की दुरी पर परासपानी गाँव स्थित सुखलदरी वॉटरफॉल में मकरसंक्रांति के अवसर पर लगभग हजारों लोगो ने कनहर नदी मे आस्था कर डुबकी लगा कर पास में स्थित शिव मंदिर मे पूजा कर तिल चावल छूते हुए दही चूड़ा तिलकुट का आनन्द लेते हुए मेला मे करीब लाखो लोग शामिल हुए।
विदित हो कि धुरकी के सुखलदरी वाटरफॉल में पिछले पांच दशक से मकरसंक्रांति के अवसर पर भव्य मेला का आयोजन होता है। जहां झारखंड, छत्तीसगढ़, यूपी तथा बिहार से लोग आते है। कनहर नदी की शितल जल मे स्नान कर शिव मंदिर मे पूजा अर्चना करते हैं। ऐसा मानना है कि कनहर नदी स्थित शिव मंदिर मे सच्चे मन से मांगी हर मन्नत पुरी होती है।
वहीं तीनो राज्यो से झारखंड का सम्बंध भी माना जाता है फलस्वरूप नाते रिश्तेदार से मिलने सहित मेला मे आने की सहभागिता बढ जाती है। मेला मे किसान के लिए कृषि उपकरणों के साथ अन्य जरूरी समानों की खरीदारी कर लेते है।
एक अनुमान के मुताबिक करीब इस मेला मे दो करोड से ज्यादा का व्यवसाय हो जाता है। चारो तरफ से प्राकृतिक के हसिन वादियों के बीच घिरे हुए झरना को देखने के लिए लोग अपने अपने तस्वीर एवं प्राकृतिक के खूबसूरत नजरों को मोबाइल में कैद किया। वहीं मेला को लेकर धुरकी थाना प्रभारी उपेंद्र कुमार अपने दल बल के साथ सुबह से ही चुस्त दुरूस्त दिखे चप्पे चप्पे पर सुरक्षा बल की तैनाती की गयी थी।
झरना स्थल पर मजिस्ट्रेट के साथ सुरक्षा बल तैनात थे। पूर्व की अपेक्षा इस बार सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था काफी दुरूस्त दिखी। मेला स्थल से एक किलोमीटर की दुरी पर पार्किंग स्थल बनाया गया था। जहां दो पहिया वाहन से लेकर चार पहिया वाहनो को पार्किंग में ही अपना वाहन लगाना था।
मेले में आए सभी लोग आम हो या खास सभी को पैदल मेला स्थल तक जाना था। जिसका सुखद परिणाम देखने को मिला कि पूर्व की तरह लोगो को जाम का सामना नही करना पड़े। पुलिस हर गतिविधियों पर पैनी नजर बनाई हुई थी।
वही धुरकी प्रखंड विकास पदाधिकारी जुल्फिकार अंसारी भी मेला में आए। जहां पर्यटकों को परेशानी ना हो इसके लिए ब्लॉक से मजिस्ट्रेट बहाल किए थे। जहां खुद प्रखंड विकास पदाधिकारी भी मेले में उपस्थित थे।