लोहरदगा से पकड़े गए अलकायदा मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकी शाहबाज से दिल्ली स्पेशल सेल करेगी पूछताछ

लोहरदगा से पकड़े गए अलकायदा मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकी शाहबाज से दिल्ली स्पेशल सेल करेगी पूछताछ

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लोहरदगा से पकड़े गए अलकायदा मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकी शाहबाज से दिल्ली स्पेशल सेल करेगी पूछताछ

झारखंड के लोहरदगा जिले से हाल ही में अलकायदा के एक संदिग्ध आतंकी शाहबाज अंसारी को गिरफ्तार किया गया है, और अब उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा पूछताछ के लिए दिल्ली लाया जा रहा है। पुलिस ने शनिवार को तीन दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर शाहबाज को दिल्ली ले जाने की प्रक्रिया पूरी की। इससे पहले, उसे लोहरदगा कोर्ट में पेश किया गया, जहां कड़ी सुरक्षा के बीच उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया की गई।

इस गिरफ्तारी के बाद, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और झारखंड एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) की संयुक्त टीम द्वारा की गई कार्रवाई से यह खुलासा हुआ है कि शाहबाज अंसारी एक आतंकवादी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था और अलकायदा के भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) के एक मॉड्यूल का हिस्सा था।

शाहबाज अंसारी की गिरफ्तारी और उस पर जांच

शाहबाज अंसारी रांची के चान्हो थाना क्षेत्र का निवासी है, और वह सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए लोहरदगा जिले में अपने रिश्तेदार के यहां छिपा हुआ था। वहीं से उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान यह जानकारी सामने आई कि शाहबाज अंसारी राजस्थान के चौपानकी इलाके में स्थित अलकायदा के एक ट्रेनिंग कैंप में शामिल था।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, चौपानकी के पहाड़ी इलाके में चल रहे इस कैंप में कई अन्य संदिग्ध भी शामिल थे, और वहां बम बनाने और हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाता था। इस कैंप में कुल छह संदिग्ध पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि शाहबाज अंसारी ने इस ट्रेनिंग कैंप में भाग लिया और आतंकी गतिविधियों में संलिप्त था।

राजस्थान के चौपानकी में ट्रेनिंग कैंप का खुलासा

चौपानकी (भिवाड़ी) के पहाड़ी इलाके में अलकायदा के इस ट्रेनिंग कैंप की जानकारी को लेकर पुलिस ने कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं। यहां आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा था। इसमें युवकों को हथियार चलाने, बम बनाने और अन्य आतंकवादी गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जा रही थी। पुलिस के अनुसार, इस मॉड्यूल में शामिल कई लोग पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों से भी जुड़े हुए थे, जो इन गतिविधियों में प्रशिक्षण देने के लिए कैंप में आते थे।

पुलिस के अनुसार, हजारीबाग से गिरफ्तार किए गए फैजान अहमद को इस ट्रेनिंग सेंटर का मास्टरमाइंड डॉ. इश्तियाक ने ट्रेनर नियुक्त किया था। फैजान का मुख्य काम था, सेंटर में आने वाले युवकों को हथियार चलाने और बम बनाने की ट्रेनिंग देना। फैजान के अलावा, इस मॉड्यूल से जुड़े अन्य संदिग्धों में भी विभिन्न प्रशिक्षण गतिविधियों से जुड़ी जानकारी सामने आई है।

रांची के चान्हो में आतंकवादी ट्रेनिंग सेंटर की योजना

दिल्ली पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि इस मॉड्यूल के सदस्य रांची के चान्हो में एक नया ट्रेनिंग सेंटर खोलने की योजना बना रहे थे। चान्हो के नकटा पहाड़ इलाके में एक स्थान भी चुना गया था, जहां इस ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत की जानी थी। यदि यह ट्रेनिंग सेंटर शुरू होता, तो यह झारखंड राज्य में आतंकवादी गतिविधियों को फैलाने का एक और बड़ा केंद्र बन सकता था।

अलकायदा का भारत में नेटवर्क

पुलिस के अनुसार, अलकायदा भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है और विभिन्न राज्यों में अपने मॉड्यूल स्थापित किए हैं। इन मॉड्यूल का उद्देश्य भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना और शांति-व्यवस्था को भंग करना है। राजस्थान, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, और अन्य राज्यों में इसके सक्रिय होने के संकेत मिल चुके हैं।

इन मॉड्यूल्स को भारत में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि ये समूह अपनी गतिविधियों को छुपा कर काम करते हैं और स्थानीय समुदायों से समर्थन प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए इन मॉड्यूल्स का पता लगाना और उन्हें नष्ट करना एक बड़ी चुनौती बन चुका है।

कड़ी सुरक्षा और न्यायिक कार्रवाई

शाहबाज अंसारी की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने सुरक्षा को और भी मजबूत कर दिया है। झारखंड, राजस्थान और दिल्ली में इन आतंकवादी मॉड्यूल्स के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है। पुलिस ने यह भी कहा है कि ये लोग युवाओं को नफरत फैलाने और हिंसा के रास्ते पर चलने के लिए उकसाते हैं, और यह सरकार के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।

आतंकी नेटवर्क से निपटने के उपाय

भारत की सुरक्षा एजेंसियां इन आतंकवादी नेटवर्क्स से निपटने के लिए और भी कड़ी रणनीतियां अपना रही हैं। इसके तहत, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, आतंकवादियों के वित्तीय स्रोतों की जांच की जा रही है, और सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से हो रही भर्ती को रोकने के लिए भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा, इन नेटवर्क्स के प्रभावी टूटने और युवाओं को आतंकवाद से बचाने के लिए स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

लोहरदगा से पकड़े गए शाहबाज अंसारी की गिरफ्तारी और उससे जुड़ी जानकारी यह संकेत देती है कि भारत में आतंकवाद के नेटवर्क एक संगठित तरीके से काम कर रहे हैं और इन नेटवर्क्स का मुकाबला करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को लगातार अपनी रणनीतियों को सशक्त और प्रभावी बनाना होगा। अलकायदा जैसे संगठन की बढ़ती गतिविधियों से निपटना अब एक राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती बन चुका है, और इसके खिलाफ पूरी ताकत से कार्रवाई की जरूरत है।

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