खूंटी, 6 जनवरी 2025: खूंटी जिले में अवैध अफीम की खेती के खिलाफ चलाए गए अभियान में सफलता प्राप्त हुई है। प्रशासन ने जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए कठोर कदम उठाए। इस अभियान के तहत 34 एकड़ भूमि पर लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया। इस कार्रवाई ने स्थानीय किसानों, अधिकारियों, और नागरिकों में नशे के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजा है।
अभियान का आरंभ
खूंटी जिले में अवैध अफीम की खेती की समस्या लंबे समय से विकराल रूप ले चुकी थी। यह न केवल जिले के ग्रामीण इलाकों में मादक पदार्थों के सेवन को बढ़ावा दे रही थी, बल्कि इससे जुड़े अपराध भी जिले में बढ़ते जा रहे थे। अफीम की खेती से प्राप्त मादक पदार्थों का उपयोग नशे के रूप में होने के कारण युवा पीढ़ी विशेष रूप से प्रभावित हो रही थी। इसके अलावा, अवैध अफीम का व्यापार आतंकवाद और अन्य असामाजिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रहा था।
इन समस्याओं से निपटने के लिए, प्रशासन ने एक व्यापक अभियान चलाने का निर्णय लिया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अफीम की खेती को समाप्त करना, नशे के कारोबार को रोकना और लोगों को इसके खतरों के बारे में जागरूक करना था।
अभियान की कार्यवाही
इस अभियान के तहत, जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अवैध अफीम की खेती की पहचान की गई और उसे नष्ट करने के लिए अधिकारियों ने कदम उठाए।
- सायको थाना क्षेत्र के ग्राम उबुरू, किताहातु, और कुड़ापुर्ती में करीब 11 एकड़ भूमि पर अफीम की खेती की गई थी। इन इलाकों में भारी पुलिस बल के साथ अधिकारियों ने पहुंचकर अफीम की फसल को उखाड़ा और नष्ट कर दिया।
- मारंगहादा थाना क्षेत्र के लोबोदाग गांव में 5 एकड़ भूमि पर अफीम की खेती की गई थी। इस क्षेत्र में भी प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की और पूरी फसल को नष्ट कर दिया।
- मुरहू थाना क्षेत्र के चरिद गांव में 6 एकड़ भूमि पर अवैध अफीम की खेती की गई थी। यहां भी प्रशासन ने कार्रवाई कर अफीम की खेती को नष्ट किया।
- अड़की थाना क्षेत्र के जारंगा और उलीहातु गांवों में 8 एकड़ भूमि पर अफीम की खेती की गई थी। इन दोनों गांवों में भी अधिकारियों ने सख्त कदम उठाए और खेती को नष्ट किया।
- खूँटी थाना क्षेत्र के बुदुडीह गांव में 4 एकड़ भूमि पर अफीम की खेती की गई थी, जिसे नष्ट किया गया।
इस प्रकार, जिले के विभिन्न इलाकों में कुल 34 एकड़ भूमि पर लगी अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया गया। यह अभियान खूंटी जिले के लिए एक ऐतिहासिक कदम था, क्योंकि इससे अवैध अफीम की खेती पर एक प्रभावी अंकुश लगाया गया और नशे के कारोबार पर भी रोक लगाई गई।
अभियान के दौरान उठाए गए कदम
अभियान के दौरान, प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
- पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती: अफीम की खेती नष्ट करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने सुरक्षा बलों के साथ गांवों में पहुंचकर अफीम की खेती को नष्ट किया।
- सजगता और सुरक्षा: अभियान के दौरान सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित किया गया ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। अधिकारियों ने गांवों में सख्त निगरानी रखी और अफीम की खेती को नष्ट करने के बाद संबंधित खेतों की जांच की।
- किसानों से संवाद: अभियान के तहत किसानों से भी संवाद किया गया। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, और इस प्रकार की खेती करने के गंभीर परिणामों के बारे में उन्हें जागरूक किया गया।
- कानूनी कार्रवाई: अफीम की खेती करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई। यह अभियान यह संदेश देने के लिए महत्वपूर्ण था कि अवैध अफीम की खेती को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।
अभियान का परिणाम
खूंटी जिले में अवैध अफीम की खेती के खिलाफ अभियान ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं:
- अफीम की खेती में कमी: अभियान के दौरान करीब 34 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया, जिससे जिले में अफीम के उत्पादन में महत्वपूर्ण कमी आई।
- नशे के कारोबार पर अंकुश: अफीम की खेती की समाप्ति से न केवल नशे के कारोबार में कमी आई, बल्कि इसके व्यापार से जुड़ी अवैध गतिविधियों पर भी रोक लगी। यह कदम नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए एक ठोस प्रयास था।
- सामाजिक जागरूकता: अभियान के दौरान ग्रामीणों को अफीम की खेती और नशे के खतरों के बारे में जागरूक किया गया। यह जागरूकता अभियान लोगों को इस प्रकार की खेती से दूर रखने में मददगार साबित हुआ। इसके साथ ही, प्रशासन ने ग्रामीणों को वैकल्पिक कृषि पद्धतियों के बारे में भी बताया, ताकि वे अवैध खेती से दूर रह सकें।
- कानूनी कार्रवाई: अवैध अफीम की खेती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जो यह संदेश देती है कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की अगली योजना
इस अभियान ने शुरुआत तो की है, लेकिन प्रशासन का मानना है कि इस समस्या का स्थायी समाधान तलाशने के लिए और भी कदम उठाने होंगे:
- कृषि के वैकल्पिक उपाय: प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि किसानों को अफीम की खेती के स्थान पर वैकल्पिक कृषि उपायों के बारे में जागरूक किया जाएगा। इससे किसानों को बेहतर आजीविका प्राप्त हो सकेगी और वे अवैध खेती से बच सकेंगे।
- नशे के प्रति जागरूकता अभियान: प्रशासन नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहा है। यह अभियान युवाओं को नशे के खतरे से बचाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
- सुरक्षा के उपायों को सख्त करना: अवैध खेती पर कार्रवाई के बाद, प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने का निर्णय लिया है ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।