वेदों की जननी, ज्ञान और विवेक की देवी हैं, माता गायत्री - लव तिवारी

वेदों की जननी, ज्ञान और विवेक की देवी हैं, माता गायत्री – लव तिवारी

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वेदों की जननी, ज्ञान और विवेक की देवी हैं, माता गायत्री - लव तिवारी



नीरज सिन्हा की रिपोर्ट,
लातेहार : – अखिल भारतीय गायत्री परिवार के द्वारा प्रज्ञा कुंज चन्दनडीह में माता गायत्री की जयंती मनाई गई।इस दौरान हवन पूजन कर गायत्री मंत्र का जाप किया गया। साथ हीं गंगा दशहरा भी मनाया गया।इस अवसर पर लव कुमार तिवारी ने कहा कि मान्यताओं के अनुसार, देवी गायत्री ब्रह्म के सभी अभूतपूर्व गुणों की अभिव्यक्ति हैं। इन्हें हिंदू त्रिमूर्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है। देवी गायत्री को सभी देवताओं की माता और देवी सरस्वती, देवी पार्वती, देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। साथ ही समस्त वेदों की देवी और वेद माता के नाम से भी जानते हैं।

इन्हीं गायत्री माता की जयंती, गायत्री जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह भी मान्यता है ऋषि विश्वामित्र ने ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन ही गायत्री मंत्र आम जनता को समर्पित किया था, इसलिए इस दिन गायत्री माता की पूजा कर गायत्री जयंती मनाई जाती है। भक्त गायत्री माता की विशेष पूजा-अर्चना करके और गायत्री मंत्र का जाप करके इस पर्व को मनाते हैं।


माता गायत्री की पूजा का महत्व


माता गायत्री की पूजा से बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। जीवन में सकारात्मकता आती है। गायत्री मंत्र को सिद्ध करने वाले व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और इनके आशीर्वाद से भक्त के चारों ओर रक्षा कवच बन जाता है, जिससे कोई भी बुरी शक्ति भक्त का बाल बांका नहीं कर पाती। गायत्री मंत्र के जाप से मनुष्य की आध्यत्मिक चेतना का पूर्ण विकास होता हैं। इस मंत्र का श्रद्धा पूर्वक जप करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।वहीँ महाप्रसाद खीर का व्यवस्था पंकज पांडे के द्वारा किया गया था।


ऐसा है देवी गायत्री का स्वरूप


धर्मग्रंथों के अनुसार मां गायत्री ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का एक विशेष स्वरूप हैं। इसी कारण इन्हें त्रिमूर्ति मानकर ही पूरी श्रद्धा से ध्यान किया जाता है। इनके पांच मुख और दस हाथ बताए जाते हैं। इनके पांच में से चार मुख चारों वेदों के प्रतीक हैं तो देवी मां का पांचवा मुख सर्वशक्तिमान शक्ति होने का संदेश देता है। गीता में देवी मां के दस हाथ भगवान विष्णु के प्रतीक बताए गए हैं। यह त्रिदेवों की आराध्य भी बताई गईं हैं।

मौके पर कौशल शर्मा,दिलेश्वर यादव, देवेंद्र प्रसाद, उर्मिला प्रसाद, उर्मिला देवी, सुनीता देवी, सुशीला साहू, वीरेंद्र प्रसाद, अनीता देवी, कांति देवी, पुष्पा देवी, पंकज पांडे सहित बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।

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