
संवाददाता
लातेहार:-युवा लोगों में उच्च रक्तचाप के कुछ प्रमुख कारण है। उच्च तनाव स्तर, मोटापा, खराब आहार और गतिहीन जीवन शैली हैं। यह भी कहा जाता है कि लंबे समय तक उच्च रक्तचाप व्यक्ति को क्रोनिक किडनी रोग, स्ट्रोक, दिल की विफलता आदि सहित विभिन्न चिकित्सा स्थितियों के उच्च जोखिम में डालता है। उक्त बातें सदर अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन डॉ0 अवधेश सिंह ने विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर कही। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचडी की इस वर्ष की थीम रक्तचाप के सटीक माप के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है। इस दिन को मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य लोगों को उच्च रक्तचाप और शरीर पर इसके प्रभावों के बारे में शिक्षित करना और जागरूकता फैलाना है।
हाई बीपी या सिरदर्द को ना करें नजरअंदाज
आगे श्री सिंह ने कहा कि हाई बीपी या सिर्फ सिरदर्द को कभी भी नजरअंदाज न करें, उच्च रक्तचाप गंभीर स्वास्थ्य संकट का कारण बन सकता है। उच्च रक्तचाप रोग, इसके कारण और रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है उच्च रक्तचाप रोग, इसकी रोकथाम, पहचान और नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व उच्च रक्तचाप लीग (डब्ल्यूएचएल) द्वारा प्रतिवर्ष 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। हृदय रोग विकसित होने का मुख्य जोखिम कारक उच्च रक्तचाप है।
2005 में शुरू हुआ था डब्ल्यूएचडी दिवस मनाना
डब्ल्यूएचडी दिवस की शुरूआत मई 2005 में हुआ था। मूल रूप से, यह उच्च रक्तचाप की स्थिति है और हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है। उच्च रक्तचाप में, धमनियों पर बल अधिक होता है और आमतौर पर इसका कोई संकेत या लक्षण नहीं होता है। यह दिन सभी देशों के नागरिकों को इसे रोकने और नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। उच्च रक्तचाप को एक साइलेंट किलर, आधुनिक महामारी के रूप में भी जाना जाता है।मौके पर डब्ल्यूएचडी दिवस नोडल पदाधिकारी, डाक्टर शोभना टोप्पो ,अस्पताल उपाधीक्षक डाक्टर अखिलेश्वर प्रसाद, डाक्टर श्रवण महतो, डाक्टर चंद्र मनी बखला, दंत चिकित्सक डाक्टर अंशुमन सागर, आरबीएस के डाक्टर राम विलास ठाकुर, डीपीएम गौरव कुमार, परवेज अख्तर, नागेन्द्र कुमार, आस्था गुप्ता आदि उपस्थित रहे।