
प्रेम कुमार साहू की रिपोर्ट,
गुमला/घाघरा:- प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों के सैकड़ो ग्रामीण महिला पुरुष सोमवार को सरांगो नवाटोली स्थित बगीचा में बैठक कर रोड नही तो वोट नही का निर्णय लिया। मौके पर संदीप उरांव ने कहा कि झारखंड गठन के बाद उम्मीद जगी थी कि कम से कम पानी, बिजली सड़क की जरूरत पूरी होगी लेकिन इटकिरी से भैसबथान तक करीब 15 किलोमीटर सड़क की स्थिति नारकीय है। गर्मी के दिनों धूल से परेशानी होती है तो बरसात के दिनों में कीचड़ से यहां तक कि घर मे रखे खाने में भी धूल के कण समाहित होते है। वहीं रामेश्वर राम ने कहा कि खराब सड़क का दुष्परिणाम यह है कि सीरियस पेशेंट हिचकोले खाते अस्पताल पहुँचने से पहले दम तोड़ देते है। सेरेनदाग, भैसबथान आदि गांव के बच्चे खराब सड़क के कारण प्रायः विलंभ से स्कूल पहुँचते है। सेरेनदान की अनिता देवी ने कहा कि खराब सड़क के कारण कोई भी अपनी लड़की ब्याहना नही चाहता। गर्भवती महिलाओं को अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

ग्रामीणों ने बताया कि 1987 में एक बार सड़क का निर्माण हुआ था लेकिन वर्तमान में उसका अवशेष भी नही बचा है, सिर्फ मिट्टी और धूल से भरा सड़क शेष है। जिसमे आवागमन करना किसी जंग जितने से कम नही है। वक्ताओं सहित उक्त क्षेत्र में पड़ने वाले सभी 8 बूथ के ग्रामीण महिला पुरुषों ने एक स्वर में रोड नही तो वोट नहीं के नारे लगाते हुए सड़क नही बन जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही। मौके पर रतींद्र भगत, भरत साहू, संजीव भगत, कृष्णकांत यादव, सुमति देवी, रजिंता देवी, अनिता देवी, प्रतिमा उरांव, रोहित खेरवार, शनि उरांव सहित चमेली, चामा, सरांगो, नवाटोली, चटकपुर, नाथपुर, सेरेनदाग, भैस बथान, हाड़हापाट एवं केचकी के सैकड़ो महिला पुरुष ग्रामीण शामिल थे।