(नई दिल्ली)किसानों के मार्च शुरू करने की तैयारी को देखते हुए दिल्ली में सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी

(नई दिल्ली)किसानों के मार्च शुरू करने की तैयारी को देखते हुए दिल्ली में सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी

Views: 1075
0 0
Read Time:7 Minute, 15 Second

(नई दिल्ली)किसानों के मार्च शुरू करने की तैयारी को देखते हुए दिल्ली में सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी

नई दिल्ली (आरएनएस)। प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा बुधवार को दिल्ली की ओर नियोजित मार्च के बाद राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पड़ोसी राज्यों के साथ प्रमुख सीमा प्रवेश स्थलों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
कानून-व्यवस्था में किसी भी संभावित व्यवधान को रोकने के लिए टिकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर के आसपास के इलाकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने शहर की ओर किसानों के मार्च की आशंका को देखते हुए सुरक्षा कर्मियों की तैनाती बढ़ा दी है।
प्रस्तावित मार्च के कारण पहले ही दिल्ली-गुरुग्राम और दिल्ली-बहादुरगढ़ जैसे प्रमुख मार्गों पर यातायात प्रभावित है। पुलिस ने भारी सुरक्षा उपाय लागू किए हैं जिससे यात्रियों को देरी हो रही है। नियंत्रण बनाए रखने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन मार्गों पर अतिरिक्त चौकियां और बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, तीन सीमा बिंदुओं पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को सतर्क रहने और किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने यात्रियों को भी चेतावनी दी है कि सुरक्षा उपाय लागू होने पर प्रभावित क्षेत्रों में यातायात जाम होने की आशंका है।
किसान यूनियन नेताओं ने सोमवार को सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दालें, मक्का और कपास खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह किसानों के हित में नहीं है।
यह घोषणा किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने पंजाब-हरियाणा की पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पर पटियाला जिले में एक बैठक के बाद की।
तीन केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय – के एक पैनल ने रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों को यह प्रस्ताव दिया था।
इस बीच, किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए, आरएएफ, एसएसबी, सीपीएफ सहित अर्धसैनिक बलों के साथ पुलिस को टिकरी, सिंघू और गाजीपुर सहित दिल्ली की सीमाओं पर तैनात किया गया है। संपर्क मार्गों पर सीमेंट के ब्लॉक और कील लगे पिकेट लगाए गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने पूरे शहर में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है। गतिविधियों पर नजऱ रखने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे जैसी निगरानी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

(नई दिल्ली)महिला की शादी उसे बर्खास्त करने का आधार नहीं बन सकती : सुप्रीम कोर्ट

(नई दिल्ली)किसानों के मार्च शुरू करने की तैयारी को देखते हुए दिल्ली में सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी


नई दिल्ली (आरएनएस)। जो भी कानून महिला कर्मचारियों की शादी और उनके घरेलू कामकाज को अयोग्यता का आधार बनाता है, वह असंवैधानिक है। यह टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने केंद्र सरकार से सैन्य नर्सिंग सेवा की पूर्व स्थायी कमीशन अधिकारी को 60 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। महिला को उनकी शादी के बाद 1988 में नौकरी से निकाल दिया गया था।
बाद में सशस्त्र बल न्यायाधिकरण ने महिला को बहाल करने का फैसला दिया। इस आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘इस तरह का पितृसत्तात्मक रूल इंसान की गरिमा और गैर-भेदभाव के अधिकार को कम करता है।Ó इसके साथ ही महिला अधिकारी की तीन दशक लंबी कानूनी लड़ाई का समापन हो गया। जानकारी के अनुसार जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्देश दिया कि लेफ्टिनेंट सेलिना जॉन को सभी दावों के फुल एंड फाइनल भुगतान किए जाएं।
1977 के आर्मी निर्देश संख्या 61 के अनुसार महिला अधिकारी को नौकरी से टर्मिनेट कर दिया गया था। इस रूल में सैन्य नर्सिंग सेवा में स्थायी कमीशन देने के सेवाओं से संबंधित नियम और शर्तें लिखी हैं। हालांकि 1995 में जब यह केस लंबित था, इस रूल को वापस ले लिया गया था। कोर्ट ने आखिर में अपने फैसले में कहा कि सैन्य नर्सिंग सेवा से जॉन को बाहर किया जाना गलत और अवैध था। कोर्ट ने कहा कि पूर्व लेफ्टिनेंट सेलिना जॉन सैन्य नर्सिंग सेवा में एक स्थायी कमीशन अधिकारी थीं। हम इस बात को स्वीकार नहीं कर सकते कि इस आधार पर उन्हें टर्मिनेट किया जा सकता है कि उन्होंने शादी कर ली थी। यह नियम केवल महिला नर्सिंग अधिकारियों पर लागू होता था।
कोर्ट ने दो टूक कहा कि इस तरह का नियम स्पष्ट रूप से मनमाना था क्योंकि महिला के शादी करने के कारण नौकरी खत्म करना लैंगिक भेदभाव और असमानता का मामला है। लिंग-आधारित पूर्वाग्रह पर बने नियम संवैधानिक रूप से अस्वीकार्य हैं। जॉन को 1982 में नियमों के तहत एमएनएस में नौकरी मिली थी। वह सेना अस्पताल, दिल्ली में एक ट्रेनी के रूप में शामिल हुई थीं।

Loading

(नई दिल्ली)किसानों के मार्च शुरू करने की तैयारी को देखते हुए दिल्ली में सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी

About Post Author

NEWS APPRAISAL

It seems like you're looking for information or an appraisal related to news. However, your request is a bit vague. News can cover a wide range of topics and events. If you have a specific news article or topic in mind that you'd like information or an appraisal on,
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

NEWS APPRAISAL

It seems like you're looking for information or an appraisal related to news. However, your request is a bit vague. News can cover a wide range of topics and events. If you have a specific news article or topic in mind that you'd like information or an appraisal on,

More From Author

(श्रीनगर)जम्मू-कश्मीर में आज शाम से मौसम में सुधार की उम्मीद

(श्रीनगर)जम्मू-कश्मीर में आज शाम से मौसम में सुधार की उम्मीद

26 से 1 मार्च तक कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर लगेगा ब्रेक, विदेश जाएंगे राहुल गांधी

26 से 1 मार्च तक कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर लगेगा ब्रेक, विदेश जाएंगे राहुल गांधी

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About Author

It seems like you're looking for information or an appraisal related to news. However, your request is a bit vague. News can cover a wide range of topics and events. If you have a specific news article or topic in mind that you'd like information or an appraisal on,
administrator

Web Stories

ताजा खबरें

local news

add

Post